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नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर जाति और धर्म को लेकर दागे सवाल, बोले- यहीं से शुरू हुआ फर्जीवाड़ा, पत्नी ने कहा- जन्म से हिंदू

आर्यन ड्रग्स मामले में एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ एनसीपी नेता नवाब मलिक ने...
नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर जाति और धर्म को लेकर दागे सवाल, बोले- यहीं से शुरू हुआ फर्जीवाड़ा, पत्नी ने कहा- जन्म से हिंदू

आर्यन ड्रग्स मामले में एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ एनसीपी नेता नवाब मलिक ने मोर्चा खोल दिया है। वानखेड़े के काम करने के तरीकों पर मलिक लगातार सवाल उठा रहे हैं। अब उन्होंने आरोप लगाया है कि वानखेडे ने अपनी जाति और धर्म की सच्चाई सबसे छुपाई। इन आरोपों का जवाब वानखेड़े की पत्नी क्रांति ने देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि मैं और मेरे पति समीर जन्म से हिंदू हैं। वहीं, माना जा रहा है है कि कथित फर्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र मामले में समीर वानखेड़े पर एक्शन हो सकता है।

नवाब मलिक ने ट्विटर पर एक दस्तावेज की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि फर्जीवाड़ा यहीं से शुरू हुआ। यह दस्तावेज कथित तौर पर समीर वानखेड़े का जन्म प्रमाणपत्र है। मलिक ने कहा कि बर्थ सर्टिफिकेट के मुताबिक, समीर की माता मुस्लिम थीं। उन्होंने इस तस्वीर के साथ समीर दाऊद वानखेड़े नाम भी लिखा। महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर जाति का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर सरकारी नौकरी पाने का आरोप लगाया था।

वानखेड़े की पत्नी क्रांति ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मैं और मेरे पति समीर जन्म से हिंदू हैं। हमने कभी कोई दूसरा धर्म नहीं अपनाया। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। समीर के पिता ने भी मेरी मुस्लिम सास से शादी की थी, जो अब नहीं हैं। समीर की पहले वाली शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हुई थी। 2016 में उनका तलाक हो गया। हमारी शादी हिंदू विवाह अधिनियम 2017 के तहत हुई है।

पत्नी क्रांति रेडकर ने उनके सपोर्ट में ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'जब आप लहरों के बहाव के दूसरी तरफ तैरते हैं तो हो सकता है कि आप डूब जाएं, लेकिन अगर भगवान आपके साथ हो तो कोई लहर इतनी बड़ी नहीं होती कि आपका कुछ बिगाड़ सके, क्योंकि सिर्फ भगवान को ही सच पता है। सुप्रभात। सत्यमेव जयते।'

एनसीबी सूत्रों के मुताबिक वानखेड़े ने कहा, 'मेरी जाति के बारे में ऐसी घटिया बातें कही जा रही हैं जिसका ड्रग्स केस से कोई लेना-देना नहीं है। इस मामले में मेरी मृत माता का भी नाम घसीटा जा रहा है। किसी को भी मेरी जाति और धर्म के बारे में सच जानना है तो वह मेरे पैतृक गांव जाकर मेरे दादा-परदादा के बारे में सच जान सकता है। मैं इस सब के खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी रखूंगा। कोर्ट के बाहर मैं ज्यादा कुछ कहना नहीं चाहता।'

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