सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए सबसे पहले इसे बढ़ावा देने वाले देशों की पहचान जरूरी है। ऐसा करके ही आतंकवाद पर काबू पाया जा सकता है।
जनरल रावत ने नई दिल्ली में रायसीना डायलॉग-2018 में कहा कि आतंकवादी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर अंतरराष्ट्रीय सीमाओं में घुसपैठ कर रहे हैं। ऐसे में आतंकवादियों और उन्हें बढ़ाने वाले मीडिया और इंटरनेट पर कुछ हद तक रोक और प्रतिबंध जरूरी है। आतंकवाद पर काबू पाने के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध्ा को लोग पसंद नहीं करेंगे पर सुरक्षित माहौल और आतंकवाद को रोकने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
Terrorists are using systems which are highly technology enabled and transcending international borders. We need to disrupt terrorists & their sponsors.Need to identify nations who are sponsors: Army Chief General Bipin Rawat at #Raisina2018 pic.twitter.com/KrJGYaLzdC
— ANI (@ANI) January 17, 2018
जनरल रावत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए आतंकवाद नया नहीं है पर इसका सामना करने के तरीके अब बदल रहे हैं। पहली बात आतंकी की पहचान और उसे परिभाषित करना है। आखिर आतंकी है कौन? जो अपने देश में या सीमा पार के नागरिकों के जीवन और संपत्ति को खतरा पहुंचाता है उसे वास्तव में आतंकी कहा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जब तक वैश्विक समुदाय एकजुट नहीं होता तबतक आतंकवाद पर काबू नहीं पाया जा सकता। जनरल रावत ने कहा कि आतंकी काफी उच्च तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे सीमा पर दूसरे देश में घुस जाते हैं और हिंसा फैलाते हैं। यह पूरे विश्व समुदाय के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि परमाणु और रासायनिक हथियार आतंकियों तक पहुंच रहे हैं और यह मानवता के लिए आपदा के समान हो सकता है।