गौरतलब हो कि एक एनजीओ ‘संकल्प चैरिटेबल ट्रस्ट’ की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि 7 मई को हुई ‘नीट’ की परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए, क्योंकि अलग-अलग भाषाओं में दिए गए टेस्ट पेपर में प्रश्न अलग-अलग रहे और ये नियमों के खिलाफ हैं। इसके अलावा बिहार में पेपर लीक भी हुआ इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए।
इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने ‘नीट’ के रिजल्ट पर 7 जून तक के लिए रोक लगा दी है। इस संबंध में सीबीएसई को रिजल्ट ऐलान नहीं करने का निर्देश दिया गया है। दरअसल, मद्रास उच्च न्यायालय ने 7 मई को हुई ‘नीट’ को रद्द करने की मांग करने वाली एक याचिका पर सीबीएसई से बीती 22 मई को जवाब मांगा था।
न्यायमूर्ति आर महादेवन की अवकाशकालीन पीठ ने मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक एक छात्र की मां की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए सीबीएसई से जवाब मांगा था। याचिकाकर्ता ने याचिका में दावा किया है कि परीक्षा ने संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत छात्रों के समानता के अधिकार का उल्लंघन किया है।