राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के आयोजन में कथित गड़बड़ियों के विरोध में वामपंथी छात्र संगठनों ने शनिवार को दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया। आइसा ने दोबारा परीक्षा कराने, कथित भ्रष्टाचार की स्वतंत्र जांच कराने और एनटीए को भंग करने की भी मांग की।
बताया गया है कि अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) ने 19 और 20 जून को हड़ताल का आह्वान किया है। आइसा की दिल्ली राज्य सचिव नेहा ने छात्रों और अभिभावकों की दुर्दशा को उजागर करते हुए मामले पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की चुप्पी पर सवाल उठाया। आइसा ने दोबारा परीक्षा कराने, कथित भ्रष्टाचार की स्वतंत्र जांच कराने और एनटीए को भंग करने की भी मांग की।
आइसा के अलावा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के अध्यक्ष धनंजय ने भी एनटीए की निंदा की और नीट 2024 की अनियमितताओं को गहरी व्यवस्थागत गड़बड़ी का संकेत बताया।
एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, NEET 2024 में शामिल हुए 20 छात्रों के एक समूह ने आज सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर NEET-UG 2024 परीक्षा को रद्द करने की मांग की। छात्रों ने अपनी याचिका में सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी द्वारा सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की भी मांग की और एनटीए और अन्य को नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देने की मांग की।