कोरोना के कहर के बीच जालंधर के सिविल अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। मंगलवार को अस्पताल प्रशासन ने 2 कोरोना पीड़ितों को यह कह कर छुट्टी दे दी कि उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है, गलती का अहसास होते ही आधी रात को उनमें से एक को यह कह कर फिर से बुला लिया गया कि रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही ने लोगों को खतरे में डाल दिया।
गत दिवस सिविल अस्पताल में से तीन कोरोना पॉजिटिव मरीजों को यह कर छुट्टी दे दी गई कि उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। इनमें मिट्ठा बाजार निवासी विश्व शर्मा,राजा गार्डन के जसबीर सिंह और अली बाग हुसैन, गांव तलवंडी भीलण (करतारपुर) शामिल थे। जैसे ही विश्व शर्मा अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद घर गया तो उसका परिवार और दोस्तों की तरफ से फूलों के साथ स्वागत किया गया। पर देर रात उसे सीनियर मैडिकल अधिकारी कश्मीरी ने फोन करके यह कह कर दोबारा बुला लिया कि उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। फोन के बाद परिवार में भगदड़ मच गई।
देर रात में एंबुलेंस पहुंची घर
इसके बाद विश्व शर्मा को एंबुलेंस लेने के लिए देर रात उसके घर पहुंच गई और उसे फिर अस्पताल लाया गया। ऐसा ही कुछ हुआ जसबीर सिंह के साथ। इस संबंध में डा. तरसेम लाल से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि कुछ गलती हो गई थी। वह विश्व शर्मा और जसबीर की पहली आई निगेटिव रिपोर्ट को ही देख रहे थे जबकि मंगलवार को उनकी दोबारा से रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी।
पॉ़जिटिव मामले हुए 86
जालंधर में बढ़ रहे कोरोना वायरस के कहर के बीच यहां आज चौथी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार बस्ती दानिशमंदा की रहने वाली 50 वर्षीय महिला को सांस लेने में तकलीफ़ थी, जिसके चलते उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां आज इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। कोरोना की जांच को लेकर उक्त महिला के सैंपल लिए गए थे, जिसमें उक्त महिला की मौत के बाद उसकी कोरोना टैस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। बता दें कि आज मिले इस पॉजिटिव केस को लेकर जालंधर में पॉजिटिव मामलों की संख्या 86 हो गई है, जबकि यह जालंधर में चौथी मौत है। इसके साथ ही पंजाब में मौतों का आंकड़ा 20 तक पहुंच गया है।
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