हाल में देश में अगले साल होने वाली छंटनी का अनुमान लगाने वाली एक रिपोर्ट में भारतीय बाजार के सामने चिंता खड़ी ककर दी है। बैंक ऑफ अमेरिका की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 तक देश की बड़ी आईटी कंपनियां करीब 30 लाख लोगों को नौकरी से निकाल देंगी। इन आईटी कंपनियों में टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल, टेक महिंद्रा और कॉग्निजेंट जैसी कंपनियां भी शामिल हैं। इन कंपनियों में अभी करीब 1.6 करोड़ लोग काम करते हैं। इस पर तंज कसते हुए भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि क्या यही केंद्र सरकार का अर्थव्यवस्था को सुधारने की दावा है।
कूटनीति से लेकर देश विदेश के मामलों पर केंद्र को मशविरा देने वाले पूर्व वाणिज्य मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने सरकार की अर्थव्यवस्था को पटरी के लाने के दावों पर सवाल उठाया। ट्वीटर पर एक यूजर्स, के सवाल उठाने पर स्वामी ने तंज कसते हुए ट्वीट किया, क्या यही वी शेप्ड ग्रीन शूट्स रिकवरी है या फिर हर बार की तरह का जुमला था।
यह पहली बार नहीं है जब भाजपा सांसद ने अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। इससे पहले वह सरकार को कठघरे में खड़ा कर चुके है। उन्होंने कहा था कि अब अधिकांश भारतीय मेरी इस बात से सहमत हैं कि केंद्र सरकार ने यूपीए सरकार द्वारा बनाई गई अर्थव्यवस्था की गड़बड़ियों को आगे बढ़ा दिया है। अर्थव्यवस्था को सुधारा जा सकता है लेकिन सरकार को इसे सुधारने की जानकारी ही नहीं है। एक अऩ्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि कोरोना वैक्सीन के उत्साह में हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि देश की अर्थव्यवस्था गिरती जा रही है।