वैष्णो देवी दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं को लेकर आवश्यक निर्देश दिए जाने के बाद अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) बाबा बर्फानी यानी भगवान अमरनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों की सुविधाओं और प्रदूषण पर सख्त नजर आया।
एनजीटी ने अमरनाथ श्राइन में तीर्थयात्रियों के लिए एक पर्यावरण संरक्षण और बुनियादी ढांचे के लिए एक कमेटी बनाई। एनजीटी ने बुधवार सुबह अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं, पवित्र गुफा के आसपास साफ-सफाई और गुफा तक जाने वाले मार्ग पर श्राइन बोर्ड को फटकार लगाई है। एनजीटी ने गुफा के पास के पूरे इलाके को साइलेंस जोन घोषित करने का सुझाव दिया है। वहीं, एनजीटी ने ये भी कहा कि भगवान शंकर को चढ़ाए जाने वाले नारियल पर भी रोक लगाई जानी चाहिए।
इससे पहले एनजीटी ने ये भी पूछा है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में उस क्षेत्र को सबसे सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया था तो आज तक उस आदेश का पालन अभी तक क्यों नहीं हुआ। ट्रिब्यूनल ने अमरनाथ श्राइन द्वारा बनाई गई पर्यावरण सुरक्षा कमीटी से यह भी पूछा है कि श्राइन के आस पास बनी दुकानें और टॉयलेट अभी तक क्यों नहीं हटाए गए हैं।
NGT appoints committee to look into environment protection & infrastructure for pilgrims at Amarnath Shrine, asks why extra shops/open toilets have not been removed.
— ANI (@ANI) November 15, 2017
NGT suggests that the area around Amarnath Shrine cave should be declared as 'silence zone' to prevent avalanches, throwing offerings/coconuts near the cave should be stopped. NGT also asks, 'why SC orders of 2012 for protection of the area haven't been followed?'
— ANI (@ANI) November 15, 2017
गौरतलब है कि हाल ही में एनजीटी ने वैष्णों देवी दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं को लेकर आवश्यक निर्देश जारी किए थे जिसके मुताबिक, मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए एक दिन में अब केवल 50 हजार श्रद्धालु ही कटरा से ऊपर जा सकेंगे।