टेरर फंडिंग मामले में एनआइए ने गिरफ्तार कश्मीरी अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी के घर को अटैच कर लिया है। हालांकि एनआइए का कहना है कि किसी तरह की तलाशी नहीं की जा रही है। केवल आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाने के कारण घर को अटैच किया गया है। बता दें कि आसिया अंद्राबी श्रीनगर स्थित अपने इस घर को तब तक नहीं बेच सकती, जब तक पूरे मामले की जांच चल रही है।
कश्मीर घाटी में युवाओं को भड़काने, आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में पिछले माह एनआइए ने अलगाववादी नेता शब्बीर शाह, यासिन मलिक, आसिया अंद्राबी, पत्थरबाजों के पोस्टर बॉय मसरत आलम और हवाला एजेंट जहूर वटाली को गिरफ्तार किया है।
एनआइए के मुताबिक, मुस्लिम लीग के नेता मसरत आलम ने पूछताछ में बताया कि हवाला एजेंटों के जरिए पाकिस्तान से हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन सैयद शाह गिलानी समेत अलगाववादी नेताओं को धन मिलता है। यही कारण है कि गिलानी समेत अलगाववादी नेता जम्मू-कश्मीर का पाकिस्तान में विलय की वकालत करते हैं।
अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी ने खुलासा किया है कि वह पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी के जरिये लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के करीब आई। अधिकारी दुख्तारन-ए-मिल्लत नेता अंद्राबी का रिश्तेदार था। अंद्राबी के साथ ही दो अलगाववादी नेताओं से इन दिनों एनआईए पूछताछ कर रही है।
इस तरह सुर्खियों में आई थी अंद्राबी
कश्मीर यूनिवर्सिटी से विज्ञान में स्नातक अंद्राबी चार साल पहले पाकिस्तानी झंडा फहराने और पाकिस्तानी राष्ट्रगान गाने के कारण सुर्खियों में आई थी। अंद्राबी के इस काम के पीछे हाफिज सईद को माना जाता है। एनआईए ने अंद्राबी के खिलाफ एक केस दर्ज किया है जिसके तहत जमात-उद-दावा के अमीर और लश्कर के मास्टरमाइंड सईद बड़े पैमाने पर अंद्राबी को फंड मुहैया कराते थे।
कश्मीर में अलगाववादी संगठनों को लेकर क्या बोले थे शाह
लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि अब समय आ चुका है जब कश्मीर में अलगाववादी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। एक तरफ तो अलगाववादी नेताओं के बच्चे विदेशों में अच्छी शिक्षा हासिल कर रहे हैं। लेकिन घाटी में कश्मीरी युवाओं को गुमराह करने का काम किया जा रहा है। लेकिन अब इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। आज समय की मांग है कि जब अलगाववादी नेताओं की सच्चाई को देश के सामने लाने की जरूरत है।
अमित शाह ने ये भी कहा कि पिछले कुछ महीनों में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में सुरक्षाबलों को अहम कामयाबी मिली है। भारत सरकार के साथ साथ जम्मू-कश्मीर सरकार की कोशिश है कि गुमराह हो चुके कश्मीरी युवाओं को भारत की मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जाए। यही नहीं कश्मीर के मौजूदा हालात के लिए उन्होंने कांग्रेस की नीतियों को भी जिम्मेदार ठहराया था। उनका कहना था कि नासूर बन चुकी कश्मीर समस्या के समाधान के लिए अब राजनीति को तिलांजलि देकर सभी दलों को राष्ट्रहित में सोचना चाहिए।