राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को केरल के वागमोन में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के हथियार प्रशिक्षण शिविर मामले में 18 लोगों को सात साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इन सभी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जिन लोगों को सजा सुनाई गई है उनमें प्रतिबंधित संगठन का संस्थापक सदस्य सफदर नागौरी भी शामिल है। यह केस दिसंबर 2007 का है।
Kochi Special NIA court pronounced 7 years imprisonment and Rs 25,000 penalty to 18 convicted in connection with 2007 Wagamon SIMI camp case.
— ANI (@ANI) May 15, 2018
कोच्चि की स्पेशल एनआइए कोर्ट ने इस मामले में सोमवार को 17 लोगों को बरी कर दिया था क्योंकि इन पर अपराध साबित नहीं हो सका। इस मामले में शामिल एक आरोपी की मौत पुलिस के साथ मुठभेड़ में हो गई थी। एक आरोपी अभी भी फरार है जबकि एक अन्य पुलिस की हिरासत में है।
सजा पाने वालों में 48 वर्षीय नागौरी के अलावा सादुली, पीए शिबिली, मोहम्मद अंसार और अब्दुल सत्तार (सभी केरल के), हफीज हुसैन, मोहम्मद समी बागेवडी, नदीम सईद, डॉ. एचए असदुल्ला, शकील अहमद और मिर्जा अहमद बेग (सभी कर्नाटक के), आमिल परवाज और कमरुद्दीन नागौरी (मध्य प्रदेश के), मुफ्ती अब्दुल बशर (उत्तर प्रदेश का), दानिश और मंजर इमाम (झारखंड के), मोहम्मद अबू फैसल खान (महाराष्ट्र का) और अलाम जेब अफरीदी (गुजरात का) शामिल हैं।
इस मामले की जांच एक शिकायत के आधार पर की गई थी कि दिसंबर, 2007 में वागमोन के थंगालपारा में सिमी ने गोपनीय प्रशिक्षण शिविर लगाया था। आरोप है कि नवंबर, 2007 और उसके आसपास गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत प्रतिबंधित संगठन सिमी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने मध्यप्रदेश में इंदौर के चोराल में अपने सक्रिय कार्यकताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाने के लिए आपराधिक साजिश रची थी।
एनआईए ने आरोप लगाया है कि उन्होंने 10 दिसंबर, 2007 से 12 दिसंबर, 2007 तक कर्नाटक, मध्यप्रदेश और गुजरात में शिविर लगाए। उन्होंने कोट्टायम (केरल) में मुंडाकायम थानाक्षेत्र में वामगोन के थंगालपारा में एक गोपनीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था।