निर्भया गैंगरेप के दोषी अक्षय कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। उसने दिल्ली के प्रदूषण को भी अपने ऊपर रहम का आधार बताया है। याचिका में कहा है, "दिल्ली में बहुत ज़्यादा वायु प्रदूषण है। शहर गैस चैंबर बना हुआ है। पानी की क्वालिटी भी बहुत ख़राब है। इससे लोग वैसे ही मर रहे हैं। मुझे फांसी की सजा देने की क्या जरूरत है। अक्षय को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है, जिसे दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोषी विनय, पवन और मुकेश की पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था। निर्भया गैंगरेप मामले में इन आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है और इसे दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था।
अन्य दोषी लगा चुके हैं गुहार
मामले में दोषी विनय और पवन फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल नहीं कर सकेंगे क्योंकि वो कोर्ट में अपनी कम उम्र और मां बाप की उम्र और उनके बुढ़ापे की दुहाई देकर सजा कम करने की गुहार लगा चुके हैं। दोषियों के वकील ए पी सिंह के मुताबिक अक्षय की पुनर्विचार याचिका के निपटारे के बाद ही अन्य तीनों दोषियों की तरफ से क्यूरेटिव याचिका एक साथ दाखिल करेंगे।
दया याचिका को बताया था साजिश
वहीं, मामले के एक और दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर अपनी दया याचिका वापस लेने की मांग की थी। पत्र में दावा किया गया था कि गृह मंत्रालय की ओर से राष्ट्रपति को भेजी गई दया याचिका पर उसका हस्ताक्षर नहीं है। एपी सिंह ने आरोप लगाया था कि यह एक साजिश है, क्योंकि उन्होंने अभी तक याचिका दायर नहीं की। वहीं, पीड़िता की मां ने भी राष्ट्रपति से दया याचिका खारिज करने की अपील की थी।