निर्भया मामले में चारों दोषियों में एक पवन कुमार गुप्ता ने फांसी से बचने के लिए एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। निर्भया के दोषी पवन ने शुक्रवार यानी आज सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर अपराध के समय उसके नाबालिग होने की दलील ठुकराने के आदेश को चुनौती दी है। इसी के साथ ही पवन ने कोर्ट से डेथ वारंट पर भी रोक लगाने की मांग की है।
बता दें कि निचली अदालत ने चारो दोषियों को फांसी देने की 1 फरवरी की तारीख तय कर रखी है। हालांकि, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट के मुद्दे पर दोषियों की वकील ने याचिका दायर की है, जिस पर सुनवाई जारी है।
आज की मुलाकात हो सकती है आखिरी?
वहीं, निर्भया के दोषियों के परिजनों की शुक्रवार को होने वाली मुलाकात आखिरी हो सकती है। जेल सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को सभी दोषियों से मिलने उनके परिजन आ रहे हैं। डेथ वारंट के अनुसार, दोषियों को एक फरवरी के दिन सुबह छह बजे फांसी पर लटकाया जाना है। ऐसे में 31 जनवरी को परिजनों की मुलाकात को अंतिम मुलाकात कहा जा सकता है।
निर्भया केस के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट
बता दें कि निर्भया केस के दोषी मुकेश की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है। इसी महीने दिल्ली के पटिया हाउस कोर्ट ने निर्भया केस के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया है। इस वारंट में निर्भया केस के दोषियों- अक्षय, मुकेश, पवन गुप्ता, और विनय कुमार शर्मा को एक फरवरी को फांसी पर लटकाने का आदेश दिया गया है।
साल 2012 की है घटना
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में छह लोगों ने चलती बस में निर्भया के साथ गैंगरेप किया। उसके बाद उसे और उसके दोस्त को मरा समझकर फेंक दिया। बाद में पुलिस निर्भया को अस्पताल लेकर पहुंची। हालत बिगड़ने के बाद उसे इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया। 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया की इलाज के दौरान मौत हो गई। 13 सितंबर 2013 को निचली अदालत ने चारों दोषियों पवन गुप्ता, विनय शर्मा, मुकेश और अक्षय सिंह को मौत की सजा सुनाई थी।