सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में एक अप्रैल 2020 के बाद बीएस-4 वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर रोक लगाने आदेश दिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार की तीन महीने की मियाद बढ़ाने की अर्जी भी ठुकरा दी है।
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए बीएस-4 वाहनों का स्टॉक खत्म करने के लिए अप्रैल, 2020 तक का समय दिया है। इससे पहले कोर्ट ने 27 अगस्त को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। 2016 में केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि 2020 तक बीएस-5 को छोड़ते हुए बीएस-6 उत्सर्जन मानक को देशभर में लागू किया जाएगा। बीएस-4 मानक को अप्रैल 2017 से लागू किया गया था।
जून 2020 तक का समय चाहती थी सरकार
सरकार चाहती थी कि ऑटो कंपनियों को पुराना स्टॉक बेचने के लिए 30 जून 2020 तक का समय मिले। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट की एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह इसके खिलाफ थीं। उन्होंने बिना बीएस-6 मानक वाले भारी वाहनों की बिक्री के लिए 30 सितंबर 2020 तक का समय देने के प्रस्ताव का भी विरोध किया।
पहली बार सन 2000 में लागू किए गए थे उर्त्सजन मानक
भारत स्टेज उत्सर्जन मानक यानी बीएसईएस भारत सरकार द्वारा स्थापित एक उत्सर्जन मानक है। इस उत्सर्जन मानक में गाड़ियों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण की मात्रा की एक संरचनात्मक तरीके से व्याख्या की गई है।यानी ईंधन की गुणवत्ता और गाड़ियों से निकलने वाले धुएं को लेकर कायदे-कानून का पैमाना है।पहली बार इन मानकों को पहली बार साल 2000 में लागू किया गया था।
भारत स्टेज लागू होने के बाद से सभी वाहनों का इन मानकों के अनुरूप होना जरूरी है। अक्टूबर 2010 में पूरे देश में भारत स्टेज-3 को लागू किया गया था। वहीं, देशभर के 13 प्रमुख शहरों में अप्रैल 2010 से ही बीएस-4 मानक लागू हो गए थे। हालांकि पूरे देश में ये मानक साल 2017 में लागू हुए।