केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत कोविड-19 का कम्युनिटी ट्रांसमिशन रोकने में कामयाब रहा है। फिर से सामान्य रूप में आने के लिए जरूरी है कि सामाजिक दूरी का पालन करे और यही हमारी लिए सबसे बड़ी वैक्सीन है। स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए लोगों को अपनी आदतों में बदलाव करना होगा।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि जब तक कोरोना वायरस की कोई वैक्सीन नहीं मिलती है तब तक सामाजिक दूरी बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कुछ छूटें दी गई हैं, इसका ये मतलब नहीं कि हम सामाजिक दूरी का पालन नहीं करें। हम लोगों से बार-बार अपील कर रहे हैं कि आप मास्क लगाए और सामाजिक दूरी का पालन करें। अर्थव्यवस्था की तरह स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखना होगा, सरकार को इसमें संतुलन स्थापित करना होगा।
'कोरोना से लड़ने के लिए कोई रॉकेट साइंस नहीं'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को कोविड-19 मामलों की संख्या एक दिन पहले की 42,836 से बढ़कर 46,433 हो गई। मरने वालों की संख्या 1,389 से बढ़कर 1,568 हो गई है। उन्होंने कहा कि अब तक हम जान चुके हैं कि कोरोनावायरस से लड़ने के लिए कोई रॉकेट साइंस नहीं। इससे केवल अपनी आदतों में बदलाव करके ही बचा जा सकता है। इससे रोगसंक्रमण की घटनाओं में कमी आएगी और समाज बेहतर होगा।
'आदतें बनी रहीं तो देश इसे याद रखेगा'
उन्होंने कहा कि अगर हाथों को साफ रखने की आदत महामारी के बाद भी लोगों के जीवन का हिस्सा बनी रही तो देश इस समय को इस रूप में याद रखेगा कि ये एक बड़ा फायदा हो गया। हर्षवर्धन ने कहा, 'दिल्ली सरकार और शहर के नगर निगमों के अधिकारियों के साथ डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया डिजीज के लिए तैयारियों की समीक्षा बैठक की गई जिसमें कहा गया कि इन वैक्टर बोर्न डिजीज को नियंत्रित करने के लिए उपाय करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि रिकवरी दर में भी लगातार सुधार हुआ है। देश में अब तक करीब 27.40 फीसदी मरीज ठीक हो चुके हैं।