गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह कहते हुए इस कदम की पुष्टि की कि 25 एनजीओ का चलते रहना विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के प्रावधानों के विपरीत एवं राष्ट्रविरोधी है।
इन गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) का नाम फिलहाल पता नहीं चल पाया है।
मंत्रालय ने कहा कि उसने उन 11,319 संगठनों का पंजीकरण रद्द कर दिया है जिन्होंने इस साल 30 जून तक एफसीआरए के तहत पंजीकरण के नवीकरण के लिए आवेदन नहीं किया था, इस प्रकार उन्हें विदेशी चंदा लेने से रोक दिया गया है। उसने कहा, उनके पंजीकरण की वैधता एक नवंबर, 2016 से समाप्त मानी जाएगी।
इस सूची में करीब 50 अनाथालय, सैकड़ों स्कूल और संस्थान जैसे भारतीय सांख्यिकी संस्थान और समाज के वंचित बच्चों के लिए काम करने वाले प्रतिष्ठित एनजीओ शामिल हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि दस्तावेज नहीं सौंपने या अधूरे दस्तावेज देने या निर्धारित समय के अंदर अन्य तरह की सांविधिक जरूरतें नहीं पूरी करने के कारण 1736 मामलों में एफसीआरए लाइसेंस नवीकरण के आवेदन बंद कर दिये गये हैं। उनमें रामकृष्ण मिशन, माता अमृतानंदमयी मठ, कृष्णमूर्ति फाउंडेशन ऑफ इंडिया की शाखाएं भी हैं। उन्होंने 30 जून, 2016 से पहले पंजीकरण के नवीनीकरण के वास्ते आवेदन दिया था।
मंत्रालय ने इन 1736 एनजीओ से आवेदन संबंधी त्रुटियों के बारे में आठ नवंबर, 2016 तक प्रतिवेदन देने का कहा है अन्यथा उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।
मंत्रालय को कुल 16,491 आवेदन एफसीआरए पंजीकरण के नवीकरण के वास्ते मिले थे जिनमें से 14739 का नवीकरण मंजूर किया गया।
वर्ष 2015 में गृह मंत्रालय ने 10,000 गैर सरकारी संगठनों के एफसीआरए पंजीकरण इसलिए रद्द किए थे क्योंकि इन्होंने लगातार तीन वर्षों के अपने सालाना रिटर्न दाखिल नहीं किए थे। इनमें से कई एनजीओ निष्क्रिय थे या किसी भी मामले में एफसीआरए पंजीकरण नहीं चाहते थे।
केंद्र के फैसले से विदेशी चंदा प्राप्त करने की अनुमति वाले गैरलाभकारी संगठनों की संख्या 20,500 रह गयी है जो वर्ष 2010 में एफसीआरए के तहत पंजीकृत 42,500 संगठनों के आधे से भी कम हैं।
भाषा