मोबाइल फोन पर एमआधार ऐप की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआइडीएआइ) ने समय आधारित ओटीपी, जिसे टीओटीपी कहा जाता है, में सुरक्षा के लिए नया फीचर जोड़ा है। ऐसा जुलाई में लॉन्च किए गए इस ऐप के प्रति लोगों के बढ़ते रुझान के कारण किया गया है। अभी तक इस ऐप को दस लाख से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है। इस फीचर के बाद यह ऐप अब ज्यादा आसानी से डाउनलोड किया जा सकेगा।
यूआइडीएआइ के सीइओ डॉ. अजय भूषण पांडेय ने बताया कि लोगों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए टीओटीपी को सेल्फ सर्विस अपडेट पोर्टल (एसएसयूपी) और ईआधार डाउनलोड के साथ जोड़ दिया गया है। इसका मतलब हुआ कि अब लोगों को ओटीपी आने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। भविष्य में ओटीपी आधारित आधार के सत्यापन से जुड़े सभी ऐप्लिकेशंस को टीओटीपी से आधारित कर दिया जाएगा। यह आठ अंकों का न्यूमेरिक स्ट्रिंग होगा और इसकी वैधता मात्र 30 सेकेंड रहेगी।
उन्होंने बताया कि टीओटीपी समय के साथ परिवर्तन वाली विशेषता है और यह उपयोग करने वाले के लिए व्यक्तिगत है। यह विशिष्ट तरीके से बनाया गया है और उपयोग करने वाले के लिए हर 30 सेकेंड में उत्पन्न होता है। इसके इस्तेमाल के लिए मोबाइल के समय की सेटिंग भारतीय समयानुसार होनी चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, अगर किसी ने अपने रजिस्टर्ड मोबाइल पर एमआधार डाउनलोड कर लिया है तो वह यूआइडीएआइ से सत्यापन के लिए प्राप्त ओटीपी से अपना प्रोफाइल बना सकता है। एक बार जब प्रोफाइल बन जाता है तो इसे जरूरत पड़ने पर देखा जा सकता है। प्रोफाइल को पासवर्ड से सुरक्षित रखा जा सकता है पर ऐसा करना जरूरी नहीं है। यहां यह ध्यान रखना आवश्यक है कि टीओटीपी मात्र 30 सेकेंड के लिए ही मान्य है।
एमआधार ऐप अभी एंड्रायड फोन पर उपलब्ध है। इसमें आधार कार्ड में दर्ज नाम, जन्म की तारीख, लिंग, पता और फोटो देखा जा सकता है। रजिस्टर्ड मोबाइल पर ऐप डाउनलोड करने के बाद साथ में आधार कार्ड रखना जरूरी नहीं है। रेलवे ने भी इस साल आठ सितंबर को यात्रा के दौरान एमआधार को पहचान का मान्य प्रमाण मान लिया है।