नई दिल्ली। भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) बरेली ने दुधारू पशुओं के लिए एक ऐसा पोषक आहार तैयार किया है जो उन्हें पोषण तो प्रदान करेगा ही, साथ में उन्हें संक्रामक बीमारियों से भी बचाएगा। इतना ही नहीं इससे दूध की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। यह आहार जल्द ही बाजार में भी आने वाला है। केंद्रीय पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला की मौजूदगी में यह तकनीक एमिल फार्मास्युटिकल को हस्तांतरित की गई है।
आईवीआरआई के अनुसार, बाजार में वैसे तो पशुओं के लिए कई पोषक खाद्य पदार्थ मौजूद हैं लेकिन यह सामग्री बिल्कुल नए किस्म की है। यह पशुओं के लिए पौष्टिक आहार की जरूरत को पूरा करती है तथा उनके प्रजनन स्वास्थ्य में भी सुधार करती है जिससे उनकी नई नस्ल भी तंदुरुस्त रहती है। इसमें प्रचुर मात्रा में खनिज एवं प्रोटीन मौजूद हैं। यह प्रचुर मात्रा में फाइटो-न्यूट्रिएंट्स युक्त हैं। फाइटो-न्यूट्रिएंट्स पौधों में पाए जाते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करते हैं तथा संक्रमणों से बचाते हैं।
आईवीआरआई ने इस आहार को लेकर उत्तर-पश्चिम भारत खासकर गंगा के मैदानी क्षेत्र में दुधारू पशुओं पर गहन परीक्षण किए जिसमें पाया कि यह आहार गर्मी और बरसात में होने वाली कई संक्रामक बीमारियों से पशुओं का बचाव भी करता है। आईवीआरआई का दावा है कि यह आहार मौजूदा उपलब्ध आहारों की तुलना में ज्यादा प्रभावी और कम लागत वाला साबित होगा।
एमिल के निदेशक डॉ. इक्षित शर्मा ने कहा कि यह आहार दानेदार सामग्री के रूप में तैयार किया जाएगा जिसे चारे में मिलाकर पशुओं को खिलाया जाएगा। यह इससे पशुपालक किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी क्योंकि उन्हें ज्यादा और अच्छी गुणवत्ता का दूध मिलेगा और पशुओं की बीमारी पर होने वाले खर्च की भी बचत होगी।
दरअसल, एमिल सरकारी शोध संस्थानों द्वारा विकसित की गई दवाओं जैसे सीएसआईआर द्वारा विकसित मधुमेह की दवा बीजीआर-34 तथा डीआरडीओ द्वारा विकसित सफेद दाग की दवा ल्यूकोस्किन को बाजार में सफलतापूर्वक उतार चुका है। अब उसका एनिमल हेल्थकेयर संभाग इस उत्पाद को भी बाजार में लाने जा रहा है।