दिल्ली के सुश्रुत अस्पताल में साल 2012 में आॅक्सीजन की कमी से चार लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। हिंदी दैनिक हिंदुस्तान की खबर के अनुसार, रिपोर्ट में डॉक्टरों को क्लीन चिट मिल गई है, लेकिन आॅक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को इस हादसे का जिम्मेदार ठहराया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल के ट्रामा सेंटर में मरीजों की देखरेख के लिए जिस व्यक्ति को तैनात किया गया था, वह ट्रेंड नहीं था। जिस रात यह हादसा हुआ, उस समय तकनीकी स्टाफ का केवल एक व्यक्ति तैनात था, जबकि वहां दो लोगों को होना चाहिए था। इसके अलावा जिस पाइपलाइन से आॅक्सीजन पहुंचाई जा रही थी, वह भी जर्जर हालत में थी। इस मामले में भी प्रशासनिक स्तर पर चूक सामने आई है।
उल्लेखनीय है कि गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौत उस दौरान हुई जब गैस सप्लाई करने वाली कंपनी ने भुगतान ने होने का हवाला देकर आॅक्सीजन की आपूर्ति रोक दी थी। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि गैस सप्लाई करने वाली कंपनी के संचालकों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है।