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दिल्ली के गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन कमी, दो सौ मरीजों का जीवन खतरे में

राष्ट्रीय राजधानी के  जयपुर गोल्डन अस्पताल ने शनिवार शाम कहा कि  यदि तत्काल  मेडिकल ऑक्सीजन की...
दिल्ली के गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन कमी, दो सौ मरीजों का जीवन खतरे में

राष्ट्रीय राजधानी के  जयपुर गोल्डन अस्पताल ने शनिवार शाम कहा कि  यदि तत्काल  मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हुई तो दो सौ से अधिक मरीजों के जीवन पर खतरा है।

अस्पताल ने अपने ट्विटर हैंडल पर ऑक्सीजन की कमी की जानकारी देते हुए कहा," “जयपुर गोल्डन अस्पताल में अगला आसन्न ऑक्सीजन संकट। अगर रात नौ बजे तक ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हुई तो दो सौ से अधिक मरीजों की जान को खतरा है।"

अस्पताल ने अपने ट्वीट को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी , केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ,प्रधानमंत्री कार्यालय और परिवार एवं कल्याण मंत्रालय को टैग किया ।

इससे पहले इस अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से 25 मरीजों ने दम तोड़ दिया था। अस्पताल प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का भी रुख किया तथा लोगों की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन की तुरंत सप्लाई की गुहार लगाई। 

दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत लगातार बनी हुई है। शनिवार को भी रोहिणी के जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से गंभीर हालत में भर्ती बीस मरीजों की मौत हो गई। दिल्ली हाईकोर्ट लगातार कई दिनों से केंद्र और राज्य सरकार को इस बाबत फटकार लगा रहा है। लगातार कोर्ट नाराजगी जाहीर कर रही है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है।ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को सीधे कहा कि अगर केंद्र, राज्य या स्थानीय प्रशासन का कोई अधिकारी ऑक्सीजन की आपूर्ति में अड़चन पैदा कर रहा है तो ‘हम उस व्यक्ति को लटका देंगे।“ यानी कोर्ट ने सख्त लहजे में टिप्पणी करते हुए कहा कि जो भी इसमें बाधा बनेगा उसे फांसी पर लटका देंगे। साथ ही केंद्र को फटकार लगाते हए कोर्ट ने कहा कि आप कह रहे हैं कि ये लहर है। ये लहर नहीं, सुनामी है। ये बातें कोर्ट की जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच की ओर से महाराजा अग्रसेन अस्पताल की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा है।

दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल ने केंद्र और दिल्ली सरकार से मदद की गुहार लगाई है। फोर्टिस के शालीमार बाग अस्पताल ने शनिवार को ट्वीट कर कहा है कि उनके पास ऑक्सीजन की किल्लत हो गई है। सैकड़ों मरीजों की जान खतरे में है। लगातार हम केंद्र और राज्य से गुहार लगा रहे हैं। शीघ्र मदद की जाए। अस्पताल बैकअप पर चल रहा है। अस्पताल ने नए मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है।

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