पाकिस्तान ने शुक्रवार को पुष्टि की कि भारत ने 2008 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की मांग की है, जो कई आतंकी मामलों में भारतीय जांच एजेंसियों को वांछित है। भारत सरकार के इस अनुरोध को आतंकियों की हमदर्द पाकिस्तान ने खारिज कर दिया है।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जहरा बलोच ने कहा, ''हमें भारत का अनुरोध मिला है, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि नहीं है।'' विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान स्थित सईद के प्रत्यर्पण का अनुरोध कुछ दस्तावेजों के साथ हाल ही में इस्लामाबाद को भेजा गया था।
बागची ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, "हमने प्रासंगिक सहायक दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान सरकार को एक अनुरोध भेज दिया है।" डॉन.कॉम ने बताया कि जब इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए संपर्क किया गया, तो विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान को भारतीय अधिकारियों से "तथाकथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले" में सईद के प्रत्यर्पण की मांग करने वाला अनुरोध मिला है।
उन्होंने कहा कि "यह ध्यान रखना उचित है कि पाकिस्तान और भारत के बीच कोई द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि मौजूद नहीं है।" नई दिल्ली का इस्लामाबाद के साथ कोई प्रत्यर्पण समझौता नहीं है। हालांकि, मामले से परिचित लोगों ने कहा कि इस तरह के फ्रेमवर्क समझौते के अभाव में भी प्रत्यर्पण संभव है।
सईद, एक कट्टरपंथी मौलवी, को जुलाई 2019 में काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) द्वारा उसके और उसके करीबी सहयोगियों के खिलाफ दर्ज 23 प्रथम सूचना रिपोर्ट के बाद गिरफ्तार किया गया था। उन्हें अप्रैल 2022 में आतंकवाद विरोधी अदालत द्वारा आतंक वित्तपोषण के दो मामलों में 33 साल की संयुक्त सजा दी गई थी। सईद के नेतृत्व वाला जेयूडी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का मुखौटा संगठन है, जो 2008 के मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है, जिसमें छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे।