Advertisement

मात्र 8 महीने की उम्र में माता-पिता को पता चली एसएमए बीमारी; कनव को क्राउड फंडिंग से लगा 17 करोड़ रुपये का टीका

स्पाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी (एसएमए) नामक बीमारी से पीड़ित अब एक और बच्चे को 17 करोड़ रुपये का टीका लगा है।...
मात्र 8 महीने की उम्र में माता-पिता को पता चली एसएमए बीमारी; कनव को क्राउड फंडिंग से लगा 17 करोड़ रुपये का टीका

स्पाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी (एसएमए) नामक बीमारी से पीड़ित अब एक और बच्चे को 17 करोड़ रुपये का टीका लगा है। बच्चे को 8 महीने की उम्र में बीमारी के बारे में पता चलने पर माता-पिता ने कैनविन फाउंडेशन से सहयोग की अपील की जिस पर टीके लिए क्राउड फंडिंग से करीब 17 करोड़ रुपये का टीका लग पाया और बच्चे बचाया जा सका।

कैनविन फाउंडेशन के संस्थापक डा. डीपी गोयल व सह-संस्थापक नवीन गोयल से रविवार को कनव के पिता अमित जांगड़ा व उनकी पत्नी फाउंडेशन में पहुंचे। अमित जांगड़ा ने कहा कि उन्हें पता चला था कि एसएमए से पीडि़त बच्चे अयांश मदान की सहायता के लिए भी फाउंडेशन आगे आया था। यहीं से उनके लिए क्राउड फंडिंग की शुरुआत हुई थी। वे अयांश के माता-पिता से भी मिले और फिर फाउंडेशन पहुंचे। उन्होंने फंडिंग जुटाने में सहयोग के लिए फाउंडेशन के संस्थापकों का आभार व्यक्त किया।

फाउंडेशन के सह-संस्थापक नवीन गोयल ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र और इससे बाहर भी कैनविन लोगों की मदद कर रहा है। इस बात की खुशी है कि हम सबके प्रयासों, जनता से की गई अपील से अयांश के बाद कनव को देश के लोगों द्वारा दिए गए दान से 16 करोड़ रुपये का टीका लग गया है। हमारा प्रयास यही है कि हम हर व्यक्ति के उपचार में काम आएं। कोई भी पीडि़त अगर फाउंडेश आता है तो उसे निराश नहीं होने देना चाहते। 

संस्थापक डा. डीपी गोयल ने कहा कि कनव के माता-पिता एक जनवरी को कैनविन में आए थे। इसी परिसर में ही मीडिया के माध्यम से लोगों से कनव के उपचार के लिए फंड जुटाने की अपील की गई थी। अब बच्चे को 17 करोड़ का टीका लग चुका है। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन का जिस उद्देश्य से गठन किया गया था, वह लगातार पूरा हो रहा है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad