नागर विमानन महानिदेशालय ( डीजीसीए) ने कहा है कि भारत में कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए इटली और ईरान के अलावा चीन, हांगकांग, सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, नेपाल से आने वाले सभी यात्रियों की सार्वभौमिक स्क्रीनिंग का विस्तार करने का निर्णय लिया है। साथ ही डीजीसीए थाईलैंड, वियतनाम और मलेशिया से भी आने वाले सभी यात्रियों के लिए यह नियम लागू किया है। डीजीसीए ने सोमवार को कहा कि इटली और ईरान से आने वाले सभी यात्रियों की जांच अनिवार्य कर दी गई है। गौरतलब है कि यूरोपीय देश से आए नए मामले के बाद यह फैसला लिया गया है।
इससे पहले बीते 9 फरवरी को डीजीसीए ने चीन जाने वाले या चीन से आने वाले विदेशियों के भारत में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। डीजीसीए ने आदेश जारी करते हुए कहा कि जो 15 जनवरी 2020 को या उसके बाद चीन गए हैं उन लोगों को भारत में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
दो नए मामले आए सामने
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि 29 फरवरी को एक यात्री इटली से जयपुर आया था। जिसे स्क्रीनिंग के दौरान कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद एक अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया। पहली बार किए परीक्षण में रिजल्ट नकारात्मक आया था। हालांकि, दूसरी बार में परीक्षण पॉजिटिव गया। उन्होंने सोमवार को कहा कि एक बार फिर से उसके नमूने को परीक्षण के लिए भेजा जाएंगा क्योंकि विभिन्न परीक्षणों में दो अलग-अलग परिणाम पाए गए है। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि कोरोना वायरस का पहला पॉजिटिव मामला राजधानी दिल्ली में पाया गया जबकि दूसरा केस तेलंगाना से सामने आया है।
चीन में अब तक हुई इतनी मौत
चीन में कोरोना वायरस से 42 लोगों की मौत के साथ ही दुनिया भर में इससे मरने वालों की संख्या सोमवार को 3 हजार से ज्यादा हो गई है। वहीं, इस वायरस की वजह से 79,824 मरीज प्रभावित हैं। यह वायरस अब तक 60 देशों में फैल चुका है। सबसे अधिक मौत चीन और उसके बाद ईरान में हुई है।
की गई अपील
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने रविवार को कहा था कि सरकार को कोरोना वायरस के कारण मछुआरों सहित भारतीयों के ईरान में फंसे होने की रिपोर्ट मिली है और तेहरान में दूतावास इस मुद्दे पर स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है। इससे पहले ईरान में भारत के राजदूत जी. धर्मेन्द्र ने शनिवार को कहा था कि स्वदेश जाने की इच्छा रखने वाले भारतीयों की वापसी के लिए अधिकारी काम कर रहे हैं और अधिकारियों के साथ चर्चा चल रही है। जम्मू-कश्मीर में कई नेताओं ने केंद्र से ईरान में फंसे केंद्रशासित प्रदेश के छात्रों सहित अन्य लोगों को निकाले जाने की अपील की है।