कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को कहा कि एक संवैधानिक शाखा द्वारा दूसरे की शक्तियों का अतिक्रमण करने के प्रयासों का ''जमकर विरोध'' किया जाना चाहिए क्योंकि यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा है। कानून मंत्री ने कहा, "लोकतंत्र में जनता सर्वोच्च सत्ता है और संविधान अंतिम मार्गदर्शक है।"
पणजी राष्ट्रमंडल कानून सम्मेलन में रिजिजू की टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के कुछ दिनों बाद आई है कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्तियां लोकसभा और भारत के मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता वाली समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि यह सिद्धांत कि अदालतें कानून नहीं बना सकती हैं या नहीं बना सकती हैं, एक मिथक है जो बहुत पहले ही फूट चुका था।
रिजिजू ने कहा कि "लोकतंत्र की महत्वपूर्ण सफलता की कहानी एक मजबूत संवैधानिक अनुमति है जो न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के लिए सत्ता के स्पष्ट पृथक्करण के लिए है। यदि कोई विंग दूसरे विंग के क्षेत्र में अतिक्रमण करने की कोशिश करता है, तो इसका जमकर विरोध किया जाना चाहिए।
कानून मंत्री ने कहा, "कोई भी संवैधानिक प्रावधानों को चुनौती नहीं दे सकता। किसी को भी संविधान के प्रावधानों की अवहेलना करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।" रिजिजू ने कहा कि कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने वाले लोगों के जनादेश का किसी भी कीमत पर सम्मान किया जाना चाहिए और इसे केवल अभियान से चुनौती नहीं दी जा सकती है।
रिजिजू ने यह भी कहा कि उन्होंने हाल के दिनों में देखा है कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर लोकतंत्र पर ही हमला करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, "जब हम स्वतंत्रता, आजादी और संवैधानिक अधिकारों की बात करते हैं तो हमें संवैधानिक कर्तव्यों को नहीं भूलना चाहिए। एक नागरिक के कर्तव्य महत्वपूर्ण हैं।"
कानून मंत्री ने कहा कि भारत में लोकतंत्र को खत्म नहीं किया जा सकता, क्योंकि भारतीय स्वाभाविक रूप से लोकतांत्रिक हैं। रिजिजू ने कहा, "1975 में आपातकाल लगाने का प्रयास किया गया था, लेकिन इसका विरोध किया गया था।" उन्होंने कहा कि लोगों के जनादेश का अपमान करने के लिए सभी सोच-समझकर किए गए दुर्भावनापूर्ण अभियानों का पर्दाफाश किया जाना चाहिए और उनका विरोध किया जाना चाहिए। कानून मंत्री ने कहा, "लोकतंत्र में जनता सर्वोच्च सत्ता है और संविधान अंतिम मार्गदर्शक है।"