कश्मीर में जारी लॉकडाउन के बीच देश-विदेश में रहने वाले 284 भारतीय नागरिकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में लॉकडाउन को वापस लिया जाए और वहां विधानसभा चुनाव कराए जाएं। इसके अलावा अनुच्छेद 370 पर वहां के लोगों को फैसला करने दिया जाए।
इन नागरिकों ने लिखा है कि कश्मीर घाटी और जम्मू के कुछ हिस्सों में 5 अगस्त, 2019 से राजनीतिक गतिविधियां और संचार सेवाएं बंद हैं। हजारों सैनिक घरों, स्कूलों और विश्वविद्यालयों के सामने तैनात हैं। पूर्व मुख्यमंत्रियों और विधायकों सहित सैकड़ों राजनीतिक नेताओं को नजरबंद रखा गया है। मोबाइल फोन और इंटरनेट बाधित हैं। कारोबारियों को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है।
लोगों से परामर्श लिए बिना राज्य में की गई कार्रवाई
सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया है और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला किया है। दोनों कदम राज्य के लोगों या उनके चुने हुए नेताओं से परामर्श के बिना उठाए गए थे। तालाबंदी के 65 दिन हो चुके हैं और हमें अभी भी नहीं पता कि जम्मू-कश्मीर के लोग कैसे हैं। हम घाटी में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से बात करने में भी असमर्थ हैं।
‘सरकार बहाल करे मोबाइल और इंटरनेट कनेक्शन’
पत्र में लिखा गया है कि मानवीय आधार पर हम इस स्थिति को अस्वीकार्य करते हैं। सरकार को मोबाइल और इंटरनेट कनेक्शन बहाल करने चाहिए, जिन्हें अभी हाल ही में तमिलनाडु उच्च न्यायालय ने एक मौलिक अधिकारोंं का हिस्सा माना था। लोकतांत्रिक आधार पर भी यह स्थिति अस्वीकार्य है। अगर सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जम्मू-कश्मीर में लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले कानून पर बहस करने का अधिकार छीन सकती है, तो ऐसा देश भर में किया जा सकता है?
‘कराएं जाएं विधानसभा चुनाव’
पत्र में सरकार से अपील की गई है कि जम्मू-कश्मीर में लॉकडाउन खत्म किया जाए, विधानसभा चुनाव कराए जाएं और लोगों को अनुच्छेद 370 और राज्य के दर्जे पर फैसला करने दिया जाए।