अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और जर्मनी की बायोटेक फर्म बायोएनटेक ने मिलकर कोरोना वायरस के इलाज के लिए दवा तैयार कर ली है। फाइजर का दावा किया है कि यह वैक्सीन तीसरे चरण में 90 फीसदी से अधिक प्रभावी साबित हुई है। कंपनियों ने इसकी घोषणा सोमवार को की।
दवा कंपनी फाइजर ने दावा किया है कि कोविड-19 वैक्सीन 90 फीसदी प्रभावी है। कंपनी ने कहा कि उनकी वैक्सीन उन लोगों पर असरदार साबित हुई है जिनमें कोरोना के लक्षण पहले से दिखाई नहीं दे रहे थे। कंपनी का दावा है कि कोरोना वायरस वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में 90 फीसदी प्रभावी है।
आंकड़ों के मुताबिक कोरोना के बिना लक्षण वाले मरीजों को दी गई यह वैक्सीन कोरोना को रोकने में 90 फीसदी से ज्यादा प्रभावी नजर आई। इस ट्रायल में कोरोना के 94 मामलों की पुष्टि की गई। अध्ययन में 44 हजार प्रतिभागी शामिल थे। फाइजर ने कहा कि तीसरे चरण के परीक्षण से कोविड -19 को रोकने के लिए हमारे टीके की क्षमता का पता चला है। वैक्सीन को लेकर कंपनियों के दावे के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि जल्द ही वैक्सीन आएगी। रिपोर्ट 90 प्रतिशत प्रभावी है। यह अच्छी खबर है।
अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि यह संभावना नहीं है कि कोई वैक्सीन साल के अंत से पहले आ जाएगॉ, और सीमित आपूर्ति की जाएगी। फाइजर और इसके जर्मन पार्टनर बायोटेक द्वारा किए गए अध्ययन दुनिया भर के 10 संभावित वैक्सीन उम्मीदवारों में से एक हैं - उनमें से चार ने अब तक अमेरिका में बड़े पैमाने पर अध्ययन किया है।
एक अन्य अमेरिकी कंपनी, मॉडर्न इंक, ने भी कहा है कि वह इस महीने के अंत में खाद्य और औषधि प्रशासन से आवेदन करने की उम्मीद है। बता दें कि देश और दुनिया में तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।