प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मोसुल में मारे गए भारतीयों के परिवार को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। इससे पहले सोमवार को पंजाब सरकार ने राज्य के 27 मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया है।
PM announces ex-gratia payment of Rs 10 lakh each to families of those killed in Iraq's Mosul. pic.twitter.com/SE0fck0H34
— ANI (@ANI) April 3, 2018
38 भारतीयों के शव के अवशेष को सोमवार को स्वदेश लाया गया
इराक में बंधक बनाकर मारे गए भारतीय मजदूरों के शव के अवशेष सोमवार को स्वदेश लाया गया हैं। विदेश राज्यमंत्री वी.के सिंह ने मोसुल की उड़ान भरने से पहले बताया था कि एक केस अभी भी पेंडिंग है इसलिए 38 शव की स्वदेश वापस लाए जाएंगे। भारत आने के बाद शवों को लेकर सिंह सबसे पहले अमृतसर और पटना जाकर उनके परिजनों को सौंपा।
कांग्रेस ने इस मामले में राजनीति करने की कोशिश की
अमृतसर और पटना के दौरे पर दिल्ली लौटे वी के सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने इस मामले में राजनीति करने की कोशिश की है। उन्हें हर चीज में नकारात्मकता दिखाई देती है। देश और गरीब से जुड़े मसलों में राजनीति नहीं करनी चाहिए।
सिंह ने पत्रकारों से कहा कि इराक में मारे गए बिहार के छह लोगों में से पांच के डीएनए का शत प्रतिशत मिलान हो गया है और राजू यादव नाम के व्यक्ति के डीएनए मिलान पूरी तरह नहीं हो सका है। उसके लिए दोबारा सैंपल भेजे गए हैं।
मुआवजे को लेकर जब वीके सिंह ने कहा-ये बिस्किट बांटने वाला काम नहीं
इस दौरान पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने के सवाल पर विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि ये बिस्किट बांटने वाला काम नहीं है, ये आदमियों की जिंदगी का सवाल है। मैं अभी ऐलान कहां से करूं? जेब में कोई पिटारा थोड़ी रखा हुआ है। वीके सिंह यहीं नहीं रुके, बल्कि मृतकों के परिवारों को नौकरी देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये फुटबॉल का खेल नहीं है।