प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम गलियारे का उद्घाटन किया। परियोजना के उद्घाटन समारोह में 3,000 से अधिक धार्मिक, आध्यात्मिक गुरु, दक्षिणी शैव संप्रदाय के पुजारी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा शासित राज्यों के कई अन्य मुख्यमंत्री उपस्थित रहे हैं।
पीएम ने काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन करते हुए कहा, "काशी विश्वनाथ परिसर हमारी संस्कृति, परंपरा और प्रगति का प्रतिबिंब है। जब आप यहां आते हैं तो केवल आस्था ही नहीं आपको यहां लाती है, यह एक ऐसा स्थान भी है जहां आप अतीत पर गर्व करेंगे और देखेंगे कि कैसे प्राचीन और वर्तमान यहां मिल रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि विश्वनाथ धाम आज ऊर्जा से भरपूर है और इसका महत्व स्पष्ट है। आसपास के खोए हुए कई प्राचीन मंदिरों को फिर से बहाल कर दिया गया है।"
प्रधानमंत्री ने कॉरिडोर का निर्माण करने वाले मजदूरों के साथ भोजन किया
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण में अपना सहयोग देने वाले मजदूरों के साथ प्रधानमंत्री ने भोजन किया। इससे पहले पीएम ने मजदूरों पर पुष्पवर्षा भी थी और उनके साथ फोटो भी खिचवाई थी।
पीएम ने जनता से मांगे तीन संकल्प
पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए जनता ही भगवान है। आज मैं अपने भगवान(जनता) से तीन संकल्प मांगता हूं। पहला- स्वस्छता, दूसरा- सृजन और तीसरा- आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास।
काशी वो है जहां सत्य ही संस्कार है
पीएम मोदी ने कहा कि मेरी काशी आगे बढ़ रही है। काशी वो है जहां सत्य ही संस्कार है। काशी शिवमयी है, ज्ञानमयी है। आज पूरा विश्व काशी से जुड़ गया है। ये परिसर(काशी धाम) हमारे संकल्प का साक्षी है।
काशी में तो एक ही सरकार है वो सरकार है बाबा की
पीएम मोदी ने कहा, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बनारस के लोगों पर शक करते थे। कहते थे कि ये कैसे होगा, वो कैसे होगा। बनारस पर आरोप लगाए जा रहे थे। लेकिन उनको पता नहीं था कि काशी तो अविनाशी है। काशी में तो एक ही सरकार है वो सरकार है बाबा की। पीएम ने कहा कि काशी में महादेव की इच्छा के बिना कुछ भी नहीं होता। ये जो कुछ भी हुआ है, वो सब बाबा की दया है। बाबा की इच्छा के बिना पत्ता भी नहीं हिलता। बाबा के साथ अगर किसी और का योगदान है तो वो है काशी के वासियों का। काशी वासियों में भगवान बसते हैं.... इदं शिवाय इदं नमः।
कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले पीएम ने गंगा में पूजा-पाठ करते हुए पवित्र डुबकी लगाई और इसके बाद काल भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना भी की।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर घाटों को प्रतिष्ठित दशाश्वमेध घाट के पास ऐतिहासिक काशी विश्वनाथ धाम से जोड़ेगा। इस भव्य परियोजना को 339 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।
परियोजना के तहत परिसर का क्षेत्रफल 3,000 वर्ग फुट से बढ़ाकर लगभग पांच लाख वर्ग फुट कर दिया गया है। परियोजना के तहत 40 प्राचीन मंदिरों को भी उनकी पूर्व सुंदरता में बहाल कर दिया गया है। भक्तों को कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान करने के लिए परिसर में 23 नए भवन भी जोड़े गए हैं।