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टनल के उद्घाटन के दौरान बोले पीएम मोदी, 'अटल जी की सरकार जाने के बाद, जैसे इस काम को भी भुला दिया गया'

शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में 'अटल सुरंग' का उद्घाटन किया।...
टनल के उद्घाटन के दौरान बोले पीएम मोदी, 'अटल जी की सरकार जाने के बाद, जैसे इस काम को भी भुला दिया गया'

शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में 'अटल सुरंग' का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने रोहतांग में कहा कि 'अटल जी की सरकार जाने के बाद, जैसे इस काम को भी भुला दिया गया। साल 2002 में अटल जी ने इस टनल के लिए अप्रोच रोड का शिलान्यास किया था। अटल जी की सरकार जाने के बाद, जैसे इस काम को भी भुला दिया गया।

अटल रोहतांग टनल के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में ही आधुनिक अस्त्र-शस्त्र बने, मेक इन इंडिया हथियार बनें, इसके लिए बड़े रिफॉर्म्स किए गए हैं। लंबे इंतजार के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अब हमारे सिस्टम का हिस्सा है। देश की सेनाओं की आवश्यकता अनुसार प्रोक्योरमेंट और प्रोडक्शन दोनों में बेहतर समन्वय स्थापित हुआ है।

पीएम मोदी ने कहा कि अटल जी के साथ ही एक और पुल का नाम जुड़ा है- कोसी महासेतु का। बिहार में कोसी महासेतु का शिलान्यास भी अटल जी ने ही किया था। 2014 में सरकार में आने के बाद कोसी महासेतु का काम भी हमने तेज करवाया। कुछ दिन पहले ही कोसी महासेतु का भी लोकार्पण किया जा चुका है।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटल टनल की तरह ही अनेक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स के साथ ऐसा ही व्यवहार किया गया। लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी के रूप में सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण एयर स्ट्रिप 40-45 साल तक बंद रही। क्या मजबूरी थी, क्या दबाव था, मैं इसके विस्तार में नहीं जाना चाहता।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल टनल के काम में भी 2014 के बाद, अभूतपूर्व तेजी लाई गई। नतीजा ये हुआ कि जहां हर साल पहले 300 मीटर सुरंग बन रही थी, उसकी गति बढ़कर 1400 मीटर प्रति वर्ष हो गई। सिर्फ 6 साल में हमने 26 साल का काम पूरा कर लिया। उन्हनो कहा कि एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस रफ्तार से 2014 में अटल टनल का काम हो रहा था, अगर उसी रफ्तार से काम चला होता तो ये सुरंग साल 2040 में जाकर पूरा हो पाती। आपकी आज जो उम्र है, उसमें 20 वर्ष और जोड़ लीजिए, तब जाकर लोगों के जीवन में ये दिन आता। उनका सपना पूरा होता।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि साल 2002 में अटल जी ने इस टनल के लिए अप्रोच रोड का शिलान्यास किया था। अटल जी की सरकार जाने के बाद, जैसे इस काम को भी भुला दिया गया। हालात ये थे कि साल 2013-14 तक टनल का सिर्फ 1300 मीटर का काम ही हो पाया था।

उन्होंने कहा कि आज सिर्फ अटल जी का ही सपना नहीं पूरा हुआ है, आज हिमाचल के करोड़ों लोगों का भी दशकों पुराना इंतजार खत्म हुआ है। इस टनल से मनाली और केलांग के बीच की दूरी 3-4 घंटे कम हो ही जाएगी। पहाड़ के मेरे भाई-बहन समझ सकते हैं कि पहाड़ पर 3-4 घंटे की दूरी कम होने का मतलब क्या होता है।

सामरिक दृष्टि से यह टनल बेहद महत्वपूर्ण

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सामरिक दृष्टि से यह टनल बेहद महत्वपूर्ण है। सीमा पर तैनात हमारे सेना के जवानों के लिए राशन,हथियार पहुंचाने और तैनाती करने में काफी आसानी होगी। टनल जहां देश की जनता को समर्पित है वहीं हमारे सीमा की सुरक्षा करने वाले जवानों और सीमा पर रहने वाले लोगों को भी समर्पित है।

जानें हिमाचल सीएम ने क्या कहा

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, एक बहुत बड़ी बाधा लाहौल के लोगों के लिए रहती, 4 महीनों के लिए आना-जाना बंद। कोई बीमार होता तो हेलिकॉप्टर भेजा जाता। कई बार परिस्थितियां ऐसी होतीं कि रोहतांग दर्रे से ही वापिस मुड़ना पड़ता। हमने टनल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक वृहत कार्यक्रम बनाया है।

अब बीआरओका फोकस शिंकुला टनल पर है

बीआरओ के महानिदेशक हरपाल सिंह ने कहा कि अटल टनल के निर्माण से आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत हिमालय क्षेत्र में अन्य टनल निर्माण कार्य को बल मिलेगा। अब बीआरओ का फोकस शिंकुला टनल पर है। मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि बीआरओ इस टनल को आने वाले 3 सालों में पूरा कर लेगा जिससे लेह के लिए हर मौसम में कनेक्टिविटी संभव हो जाएगी।

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