विशेष सीबीआई जज बीएच लोया की मौत मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस मामले की एसआईटी जांच कराने की मांग को खारिज कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद तमाम लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
इस मामले में जहां वकील और याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने इसे सुप्रीम कोर्ट के इतिहास का काला दिन बताया तो वहीं, बीजेपी ने कहा कि आज देश को तोड़ने की साजिश का पर्दाफाश हो गया। कांग्रेस की ओर से अभी इस मामले पर कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की गई है। लेकिन अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करना होगा और इसका सम्मान करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास का काला दिन: प्रशांत भूषण
जज लोया मौत मामले में कोर्ट के फैसले के बाद वकील और याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि सीजेआई की अध्यक्षता वाली एससी खंडपीठ ने न्यायाधीश लोया की मौत में स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट के 2 न्यायाधीशों पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है, जिन्होंने कहा (हलफनामे में नहीं) कि 3 न्यायाधीश 2 बेड के कमरे में सो गए। ईसीजी और हिस्टोपैथ रिपोर्ट के बावजूद कार्डियक अरेस्ट की कहानी झूठी है।
प्रशांत ने कहा कि न्यायाधीश लोया की मौत में स्वतंत्र जांच की मांग में याचिका खारिज करते हुए एससी ने कहा कि न्यायाधीश झूठ नहीं बोल सकते हैं। उनके शब्द को सत्य माना जाना चाहिए। जो भी न्यायाधीशों से सवाल करता है वह अवमानना का दोषी है!' प्रशांत ने कहा कि मेरी राय में यह सुप्रीम कोर्ट का काला दिन है।
याचिका में था निजी हित: वकील मुकुल रोहतगी
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भारत सरकार के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, 'जिस तरह से याचिकाकर्ताओं ने इस केस में अपनी बात रखी वह बेहद गलत था। सुप्रीम कोर्ट ने भी यही बात कही है। याचिकाकर्ताओं ने होमवर्क नहीं किया। इन याचिकाओं का मुख्य उद्देश्य सरकार के वरिष्ठ पदाधिकारियों पर हमला करना था। उन्होंने कहा कि याचिका व्यक्तिगत हित के लिए थी ना कि जनहित के लिए।'
These petitioners did not uphold the rule of law. Main aim was to attack some senior functionaries of the current government. There was no question of foul play. Petition had personal interest, not public interest: Mukul Rohatgi, Former AG on SC's verdict on #JudgeLoya Death case pic.twitter.com/VUB7IMWCoJ
— ANI (@ANI) April 19, 2018
राजनीतिक साजिश के लिए न्यायपालिका का इस्तेमाल दुर्भाग्यपूर्ण: राजनाथ सिंह
जज लोया मामले में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बयान देते हुए कहा कि, राजनीतिक साजिश के लिए न्यायपालिका का इस्तेमाल दुर्भाग्यपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सिर्फ स्वागत योग्य ही नहीं है बल्कि एक गंभीर संदेश भी देता है कि राजनीतिक विद्वेष से आरोप लगाकर न्यायापालिका को भ्रमित नहीं किया जा सकता। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि झूठे आरोपों के आधार पर भाजपा के शीर्ष नेताओं को बदनाम करने की कोशिश की जाती रही है।
An attempt to malign senior leaders of the party has failed, its clear that the judiciary cannot be made a field for political battles: Home Minister Rajnath Singh on #JudgeLoya verdict pic.twitter.com/TLVUpLYVVE
— ANI (@ANI) April 19, 2018
राहुल गांधी को अमित शाह से माफी मांगनी चाहिए- जितेंद्र सिंह
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस की ओर से सवाल उठाए जाने पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, अगर आप न्यायपालिका की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं तो आप सभी जांच और साक्ष्यों पर भी सवाल उठाएंगे। मुझे लगता है राहुल गांधी को अमित शाह से माफी मांगनी चाहिए।
ये जनहित याचिका नहीं बल्कि कांग्रेस के हित की याचिका थी - रविशंकर प्रसाद
कांग्रेस के रुख पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस मामले को जनहित को पूरा करने के लिए नहीं बल्कि कांग्रेस के हितों को पूरा करने और बीजेपी के हितों को विशेषकर हमारे पार्टी प्रेसिडेंट अमित शाह को नुकसान पहुंचाने के लिए उठाया गया था। कानून मंत्री ने बताया कि इस मामले में कोर्ट ने कहा था राजनीतिक लड़ाई राजनीतिक मैदान में लड़ी जानी चाहिए।
राहुल गांधी ने कोर्ट के जरिए राजनीति करने की कोशिश की: भाजपा
जज लोया केस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बीजेपी ने स्वागत किया है। बीजेपी ने जज लोया की मौत के पीछे राहुल गांधी की साजिश बताई है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि आज देश के माहौल को खराब करने की कोशिश का पर्दाफाश हुआ है।
संबित पात्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट फैसले के कुछ बिन्दु आशचर्यचकित करने वाले हैं। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जज लोया की मौत हार्ट अटैक से हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने याचिकाओं को राजनीति से प्रेरित याचिका बताया है।
संबित पात्रा ने कहा, 'कोर्ट ने कहा कि यह पूरा राजनीतिक दुश्मनी के लिए प्रतीत होता है। राहुल गांधी और उन राजनीतिक पार्टी के लिए इससे जघन्य टिप्पणी नहीं हो सकती। राहुल गांधी ने कोर्ट के माध्यम से राजनीति करने की कोशिश की थी।'
संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा, 'कोर्ट ने कहा कि यह याचिका जो सामने दिख रही है वो है नहीं, जिसे किसी अदृश्य व्यक्ति ने फाइल किया है जो राजनीतिक फायदा लेना चाहता है। मैं पूछना चाहता हूं कि ये अदृश्य हाथ किसका है?'
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, 'कांग्रेस ने अमित शाह जी को लेकर बहुत सी अभद्र टिप्पणी की थीं। 100 सांसदों के साथ राहुल गांधी जांच की मांग लेकर राष्ट्रपति से मिलने गए थे। इस मामले में अदृश्य हाथ राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी है, जिसने राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश की। राहुल गांधी और कांग्रेस ने न्यायपालिका को सड़क पर लाने का काम किया है। इसके लिए राहुल गांधी मांगनी चाहिए।'
कांग्रेस का घृणित चेहरा सामने आया है: योगी आदित्यनाथ
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, 'जस्टिस लोया के मामले में वाद खारिज हो गया है। स्पष्ट है कि कांग्रेस का घृणित चेहरा सामने आया है। श्री राहुल गांधी ने 150 सांसदों को लेकर शिकायत की थी, जबकि सब कुछ झूठ का पुलिन्दा निकला। श्री राहुल गांधी नहीं चाहते कि गांधी परिवार के अलावा इस देश में कोई शासन चलाए और जो शासन अच्छे प्रकार से चलाता है उसकी छवि को निरन्तर बदनाम करने का प्रयास करते है।'
श्री राहुल गांधी नहीं चाहते कि गांधी परिवार के अलावा इस देश में कोई शासन चलाए और जो शासन अच्छे प्रकार से चलाता है उसकी छवि को निरन्तर बदनाम करने का प्रयास करते है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) April 19, 2018
जब तक तर्कपूर्ण निष्कर्ष नहीं निकलता, यह और सवाल खड़े करेगा: सिंघवी
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया, ‘लोया मामले के फैसले का निष्पक्ष विश्लेषण पूर्ण तार्किक आधार पर पहुंचना चाहिए। लेकिन, जब तक इसका तर्कपूर्ण निष्कर्ष नहीं निकलता, यह और सवाल खड़े करेगा और कई अनुत्तरित रहेंगे।’ फैसले पर पहली प्रतिक्रिया में सिंघवी ने कहा कि शीर्ष अदालत उनका प्रत्यक्ष रूप से निराकरण करके ही संदेह समाप्त कर सकती है।
Dispassionate analysis of Loya j’ment must await its full reasoning. But unless logical reasons found in it, it wl raise more questions & leave many unanswered. Sc can remove suspicious crl features only by dealing with them directly. Ipse Dixit nt enuff 4this case.
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) April 19, 2018
याचिका खारिज करने के बाद भी कई सवाल अनसुलझे हैं- सुरजेवाला
कांग्रेस ने कहा कि जज लोया मामले को उठाने वालों की मौत हो गई। हम चाहते है कि शंकाओं को दूर करने के लिए निष्पक्ष जांच हो। अब तक जजों की मौत पर न तो कोई एफआईआर हुई न ही कोई जांच हुई। यहां तक की घर वालों को पोस्टमार्टम के बारे में बताया भी नहीं गया।
इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा कि, उच्चतम न्यायालय द्वारा जज लोया मामले की याचिका खारिज करने के बाद भी कई सवाल अनसुलझे है। साथ ही पार्टी ने कहा कि जज लोया के दो साथियों की भी संदिग्ध तौर पर मौत हो गई।
कांग्रेस प्रवक्ता आर एस सुरजेवाला ने कोर्ट के इस फैसले को भारतीय इतिहास में सबसे दुखद फैसला बताया है। सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अपने पीछे कई सवाल के छोड़ गया है। उन्होंने कहा कि जज लोया के पोस्टमॉर्टम में भी कई विसंगतियां सामने आईं थीं उन्होंने कहा कि पीड़ित के नाम को भी सही तरीके से पेश नहीं किया गया।
हमें कोर्ट के फैसले का सम्मान करना होगा: सलमान खुर्शीद
कांग्रेस नेता और वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि बहुत से लोग बहुत निराश होंगे, लेकिन यह सर्वोच्च न्यायालय का फैसला है और यदि कोर्ट का मानना है कि हमें इसे स्वीकार करना होगा और इसका सम्मान करना होगा।
Many-many people would be deeply disappointed but this is the Supreme Court & if Supreme Court takes a view we have to accept it and respect it: Salman Khurshid, Congress on SC dismissing petition seeking SIT probe in #JudgeLoya's death pic.twitter.com/FCwpUr68tl
— ANI (@ANI) April 19, 2018
जॉइंट कमिश्नर पुलिस ने कहा कुछ ऐसा
जॉइंट कमिश्नर पुलिस (नागपुर) शिवाजी बोडखे ने कहा कि नागपुर पुलिस द्वारा पेशेवर रूप से जांच की गई थी और उन दस्तावेजों और साक्ष्यों को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया है, यह फैसला उस आधार पर है। याचिकाएं गलत थीं क्योंकि वे सच्चाई से अनजान थे।
The investigation was done professionally by Nagpur Police and those documents and evidence have been presented in the SC, the decision is based on that. The petitions were wrong as they unaware of the truth:Shivaji Bodkhe, Joint CP Nagpur on SC's verdict on #JudgeLoya Death case pic.twitter.com/tbn9xZTsdK
— ANI (@ANI) April 19, 2018
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सारी आशंकाएं खत्म: डॉ. प्रशांत राठी
डॉक्टर प्रशांत राठी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “सच सामने आ गया है, मुझे इससे राहत मिली है। एक वक्त था जब मेरी भूमिका पर सवाल खड़े किए जा रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सारी आशंकाएं खत्म हो गई हैं।” जज लोया की बॉडी का पोस्टमॉर्टम नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में हुआ था। डॉक्टर प्रशांत राठी पोस्टमॉर्टम के वक्त अस्पताल में मौजूद थे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बोले कांग्रेस नेता संजय निरूपम
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस प्रवक्ता संजय निरूपम ने कहा, 'इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में जो नियमित सुनवाई हो रही थी उसे मैंने पढ़ा है। वकील दुष्यंत दवे, वकील इंदिरा जय सिंह और वकील प्रशांत भूषण ने बहुत अच्छे ढंग से बातें रखी थीं। एक मैगजीन ने बहुत अच्छे ढंग से खुलासा किया था, जिससे साफ दिख रहा था कि जज लोया को संदेहास्पद परिस्थितियों में मारा गया। मारा इसलिए गया था क्योंकि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर हत्या और फेक एनकाउंटर के केस हैं उनके केस की जज लोया सुनवाई कर रहे थे। ये भी पता चला है कि जज लोया पर अमित शाह को छोड़ने का दबाव था।'
योगेंद्र यादव ने प्रशांत भूषण के ट्वीट पर किया रिट्वीट
वहीं, योगेंद्र यादव ने प्रशांत भूषण के ट्वीट के रिट्वीट कर पूछा कि अगर झूठ नहीं बोलते तो उन जजों के बारे में क्या राय है जिन्होंने 12 फरवरी को प्रेस वार्ता की थी।
If Judges can't lie, what about the four judges who held a press conference on 12th February? https://t.co/baZZ45mwCo
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) April 19, 2018
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जज लोया मामले की एसआईटी जांच कराने की मांग को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कि पीआईएल का गलत इस्तेमाल हो रहा है। कोर्ट ने कहा कि पीआईएल का इस्तेमाल राजनीति के लिए किया जा रहा है। न्याय पालिका को बदनाम करने की कोशिश की गई है।