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कोरोना के इलाज की उम्मीद को झटका, पहले ह्यूमन ट्रायल में फेल हुआ कोरोना ड्रग रेमडेसिवयर

दुनिया भर में तेजी से फैल रहे कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल की जाने...
कोरोना के इलाज की उम्मीद को झटका, पहले ह्यूमन ट्रायल में फेल हुआ कोरोना ड्रग रेमडेसिवयर

दुनिया भर में तेजी से फैल रहे कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल की जाने वाले एंटी वायरल ड्रग ने डॉक्टरों की उम्मीद को बड़ा झटका दिया है। बताया जाता है कि एंटी वायरल ड्रग रैंडम क्लिनिकल ट्रायल में फेल हो गया है। इस एंटी वायरल ड्रग का नाम रेमडेसिवयर है, जिसका टेस्ट चीन अपने देश के कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों पर कर रहा था।

द फाइनेंशियल टाइम्स ने गुरुवार को अपनी एक रिपोर्ट में डब्लूएचओ द्वारा तैयार और अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए एक मसौदा दस्तावेज का हवाला देते हुए बताया कि चीनी परीक्षण से पता चला है कि रेमडेसिवयर ड्रग को लेकर काफी उम्मीद थी, लेकिन रेमडेसिवयर ड्रग से मरीज में कोई सुधार देखने को नहीं मिला। मतलब रेमडेसिवयर ड्रग देने से मरीज के खून में रोगाणु कम नहीं हुए। बता दें कि यह ड्रग एक अमेरिकी फर्म गिलिएड साइंस की है।

237 मरीजों पर किया गया था टेस्ट

रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रायल के तौर पर रेमडेसिवयर और प्लेसीबी ड्रग चीन के 237 मरीजों को दी गई थी। इन मरीजों में से 158 को रेमडेसिवयर दी गई जबकि 79 को प्लेसीबी। एक महीने की जांच में पाया गया कि ड्रग का इस्तेमाल करने से मरीजों की सेहत पर काफी नुकसान हुआ, जिसके कारण उनकी मौत हो गई।

चीन के अध्ययन के परिणामों पर कंपनी ने क्या कहा

अमरीकी फर्म गिलिएड साइंस ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की पोस्ट को लेकर विरोध जताया है। अमरीकी फर्म गिलिएड साइंस के एक प्रवक्ता ने चीन के अध्ययन के परिणामों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा,"हमारा मानना है कि इस पोस्ट में अध्ययन को लेकर जुड़ी अनुचित जानकारियां शामिल थीं।"

उन्होंने आगे कहा कि कम नामांकन होने के कारण इसे बहुत पहले ही हटा लिया गया था और ऐसे में संख्या के लिहाज से ये बहुत सार्थक नहीं था। वो आगे कहते हैं, "इस तरह के अध्ययनों के परिणाम अनिर्णायक होते हैं। हालांकि जो डेटा हैं वो रेमडेसिवयर से संभावित लाभ को दिखाते हैं। खासतौर पर उन मरीजों के लिए जिनका इलाज शुरुआती समय में हुआ हो।"

ट्रायल भले ही फेल हो गया हो लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि इस ड्रग के आगे बढ़ने के सारे रास्ते बंद हो गए हैं। आने वाले समय में इसे लेकर और भी ट्रायल किए जाएंगे और हो सकता है तब कोई ज्यादा साफ तस्वीर सामने आ सके।

27 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित

बता दें कि दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 27,23,044 पहुंच गई है। जबकि इस वायरस से मरने वालों की संख्या 1.91 लाख को पार कर गई है। भारत की बात करें तो बीते 24 घंटों के भीतर कोरोना वायरस के 1,684 नए मामले सामने आए हैं और 37 लोगों की मौत हुई है। मंत्रालय के मुताबिक, अब भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 23,077 हो गई है। इसमें 17,610 सक्रिय मामले हैं, 4,749 लोग ठीक / डिस्चार्ज / विस्थापित हैं और कुल 718 मौतें हुई हैं।

 

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