राफेल डील में कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर अधिवक्ता प्रशांत भूषण और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने सीबीआई निदेशक से मुलाकात की तथा इस मामले में एक लिखित शिकायत दी। शिकायत पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केन्द्रीय वित्तमंत्री रहे और पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा का नाम भी है। उन्होंने सीबीआई को तथ्य और दस्तावेज पेश किए हैं जिसमें राफेल डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है।
मुलाकात के बाद प्रशांत भूषण और अरुण शौरी ने कहा कि राफेल डील में हुए भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई निदेशक से मिले हैं और इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है। साथ ही भ्रष्टाचार से संबंधित दस्तावेज दिए हैं। अगर सीबीआई ने केस दर्ज नहीं किया तो सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल लगाई जाएगी।
खुलकर सामने आए हाशिये पर डाले गए नेता
अभी तक कांग्रेस और दूसरे दल तो सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं लेकिन भाजपा सरकार में मंत्री यशवंत सिन्हा के खुलकर सामने आने से मोदी सरकार को खासा झटका लगा है। इस शिकायत को नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी माना जा रहा है जो मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से वरिष्ठ नेताओं को हाशिये पर डाल देने से पैदा हुई है। यशवंत सिंहा ने तो एक मंच भी बना रखा है जिसके माध्यम से वे लोकतंत्र को बचाने को लेकर पूरे देश में भ्रमण कर रहे हैं।