राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस रंजन गोगोई को अगला मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) नियुक्त किया है। वह 3 अक्टूबर, 2018 को पदभार संभालेंगे। जस्टिस गोगोई वर्तमान मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की जगह लेंगे।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने जस्टिस रंजन गोगोई का नाम अगले चीफ जस्टिस के लिए केंद्र सरकार को भेजा था। लॉ मिनिस्ट्री ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को पत्र लिखकर अगले चीफ जस्टिस के नाम का प्रस्ताव मांगा था।
यूं होती है चीफ जस्टिस की नियुक्ति
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा दो अक्टूबर को रिटायर होने जा रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट में उनके बाद वरिष्ठता में सबसे ऊपर नाम जस्टिस रंजन गोगोई का है, जिनकी रिटायरमेंट की तारीख़ 17.11.19 है। यह परंपरा है कि कानून मंत्रालय मौजूदा चीफ जस्टिस से आने वाले चीफ जस्टिस के नाम की सिफारिश मांगी जाती है। चीफ जस्टिस वरिष्ठता में दूसरे नंबर के जज के नाम की सिफारिश का पत्र भेजते हैं। इसके बाद वरिष्ठ जज को चीफ जस्टिस बनाया जाता है।
कौन हैं जस्टिस रंजन गोगोई
जस्टिस रंजन गोगोई असम से आते हैं। वह भारत के पूर्वोत्तर राज्य से इस शीर्ष पद पर काबिज होने वाले पहले जस्टिस होंगे। उन्होंने गुवाहाटी हाई कोर्ट से करियर की शुरुआत की। उनके पिता केशब चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री रहे हैं।
जस्टिस रंजन गोगोई का नाम सुप्रीम कोर्ट के उन चार जजों में शामिल हैं, जिन्होंने 12 जनवरी को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसके बाद कानून के गलियारे में भूचाल आ गया था और देश की राजनीति भी गरमा गई थी। न्यामूर्ति जे चेलमेश्वर (अब सेवानिवृत्त), न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ संवाददाता सम्मेलन करने वालों में शामिल थे। भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ था।