वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद, ताजमहल के बीच दिल्ली की कुतुब मीनार पर भी विवाद छिड़ा हुआ है। दिल्ली की साकेत कोर्ट में आज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने उस याचिका का विरोध किया, जिसमें कुतुब मीनार परिसर में 27 हिंदू और जैन मंदिरों की बहाली की मांग की गई है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबित, कुतुब मीनार परिसर में मंदिरों के जीर्णोद्धार से संबंधित अंतरिम अर्जी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने साकेत कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया है। एएसआई ने याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि कुतुब मीनार एक स्मारक है और इस तरह की संरचना पर कोई भी मौलिक अधिकार का दावा नहीं कर सकता। एएसआई ने यह भी कहा कि इस जगह पर पूजा करने का कोई अधिकार नहीं दिया जा सकता है।
ASI filed an affidavit in Saket Court in an interim application related to restoration of temples in Qutub Minar complex
ASI opposes the plea&says Qutub Minar is a monument&no one can claim fundamental right over such a structure&no right to worship can be granted at this place
— ANI (@ANI) May 24, 2022
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने हलफनामे में कहा है कि एएमएएसआर (AMASR) अधिनियम 1958 के तहत कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत किसी भी जीवित स्मारक पर पूजा शुरू की जा सकती है। माननीय दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश तारीख 27/01/1999 में स्पष्ट रूप से ये उल्लेख किया है।
दरअसल, कुतुब मीनार के पास कुछ हफ्ते पहले हिंदू संगठन ने प्रदर्शन किया था। उनका दावा है कि कुतुब मीनार का निर्माण 27 जैन और हिंदू मंदिरों को तोड़कर किया गया है। वहां पूजा करने का अधिकार देने और नाम बदलने की भी मांग की जा रही है।