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राजस्थान कैबिनेट विस्तार: 22 मंत्रियों ने ली शपथ; इनमें राज्यवर्धन राठौड़, किरोड़ी लाल भी

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने शनिवार को रेगिस्तानी राज्य में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार...
राजस्थान कैबिनेट विस्तार: 22 मंत्रियों ने ली शपथ;  इनमें राज्यवर्धन राठौड़, किरोड़ी लाल भी

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने शनिवार को रेगिस्तानी राज्य में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। नवनिर्वाचित सीएम शर्मा ने परिषद के विस्तार के लिए मंजूरी लेने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की।

शर्मा पहली बार विधायक बने हैं,  दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा शामिल को डिप्टी सीएम बनाया गया हैं। शर्मा को हाल ही में दिल्ली में देखा गया, जहां उन्होंने बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की। वह भाजपा शासित राज्य में नए और अनुभवी चेहरों का मिश्रण लेकर आए हैं।

ये हैं बीजेपी नेता जिन्होंने ली मंत्री पद की शपथ:

किरोड़ी लाल मीना, मदन दिलावर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, गजेंद्र सिंह खींवसर, बाबूलाल खराड़ी, जोगाराम पटेल, सुरेश सिंह रावत, अविनाश गहलोत, जोराराम कुमावत, हेमंत मीना, कन्हैया लाल चौधरी और सुमित गोदारा।

राज्य मंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) में संजय शर्मा, गौतम कुमार, झाबर सिंह खर्रा, सुरेंद्र पाल सिंह और हीरालाल नागर शामिल हैं, जबकि पांच अन्य ओटाराम देवासी, मंजू बाघमार, विजय सिंह चौधरी, केके बिश्नोई और जवाहर सिंह बेदाम ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली।

जातिगत समीकरण पर किया गया है फोकस

सीएम ब्राह्मण हैं इसलिए जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान रखा गया है। आगामी लोकसभा चुनावों से पहले, सभी क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। साथ ही, सोशल इंजीनियरिंग यह सुनिश्चित करेगी कि सभी प्रमुख जातियों को कैबिनेट में पूर्ण प्रतिनिधित्व मिलने का ध्यान रखा गया है।

वर्तमान मंत्रिमंडल में, राज्य में एक ब्राह्मण सीएम के साथ-साथ राजपूत समुदाय से दीया कुमारी और अनुसूचित जाति से प्रेम चंद बैरवा क्रमशः डिप्टी सीएम हैं। विस्तारित कैबिनेट में संभवतः अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को शामिल किया गया है, जो राज्य की आबादी का 35-40% हिस्सा हैं। मंत्रिमंडल में मीना और गुर्जर समुदाय के विधायकों को भी जगह दी गई है।

कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने कैबिनेट गठ में देरी पर की आलोचना

कैबिनेट गठन में देरी को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने बीजेपी नीत सरकार की आलोचना की। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने पहले कहा था कि मंत्रिमंडल गठन में देरी के कारण राज्य का शासन ठप हो गया है। उन्होंने एक्स पोस्ट पर लिखा, ''जनता में अब निराशा फैलने लगी है क्योंकि 3 दिसंबर को राजस्थान की जनता ने बीजेपी को स्पष्ट जनादेश दिया था, लेकिन 22 दिन बाद भी अभी तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो सका है, जिससे शासन-प्रशासन ठप हो गया है। हर विभाग भी असमंजस की स्थिति में है। जनता देख रही है कि उन्हें अपनी समस्याओं के समाधान के लिए किन मंत्रियों के पास जाना चाहिए। कैबिनेट का गठन जल्द से जल्द किया जाना चाहिए ताकि सरकार का कामकाज सुचारू रूप से चल सके।''

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