लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का पहला बयान सामने आ गया है। उन्होंने शहीद हुए सैनिकों के लिए दुख जताया और कहा कि मुश्किल वक्त में देश कंधे से कंधा मिलकर खड़ा है। उन्होंने कहा कि जवानों की शहादत को देश नहीं भूलेगा। चीन की तरफ से हुई हिंसा में भारत ने अपने 20 जवान खो दिए हैं। यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। इस हिंसा में नुकसान चीन को भी हुआ है, इसके 40 जवान हताहत बताए जा रहे।
‘देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा’
राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर लिखा, ‘गलवान घाटी में सैनिकों को खोना दर्दनाक है। हमारे सैनिकों ने अपना फर्ज निभाते हुए देश के लिए जान दे दी। देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।’ रक्षा मंत्री ने लिखा कि शहीद जवानों के परिवारों के प्रति वह सांत्वना प्रकट करते हैं, देश उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमें अपने देश के जवानों की बहादुरी पर गर्व है।
जवानों की शहादत के बाद रक्षा मंत्री लगातार कर रहे बैठक
बता दें कि मंगलवार को सेना के जवानों की शहादत के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का यह पहला बयान है। शहीद जवानों की खबर के बाद से ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लगातार बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने सबसे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत समेत अन्य सेना के अफसरों से बात की। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई सुरक्षा मामलों की बैठक में भी राजनाथ ने हिस्सा लिया। बुधवार सुबह रक्षा मंत्रालय में राजनाथ सिंह और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच विस्तृत बैठक हुई। इस दौरान रक्षा मंत्री ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी बात की।
गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प
बता दें कि 15-16 जून की रात लद्दाख के पास गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं, जिनमें एक कमांडिंग अफसर भी शामिल थे। इसके अलावा सूत्रों का कहना है कि चीन को भी इसमें बड़ा नुकसान हुआ है और उसके एक कमांडिंग अफसर समेत करीब 40 जवान हताहत हुए हैं। हालांकि, चीन ने इसकी पुष्टि नहीं की है।