टेरर फंडिग के मामले में दिल्ली की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यासीन मलिक को दो मामलों में उम्रकैद की सजा और अन्य मामलों में 10 साल की सजा हुई है। यासीन मलिक की दहशदगर्दी का शिकार हो चुके वायुसेना के चार अधिकारियों में से एक स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की पत्नी यासीन मलिक के फांसी से कम की सजा पर राजी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग संतुष्ट हो सकते हैं लेकिन मैं संतुष्ट नहीं हूं क्योंकि मैं अपने मामले में उसके लिए मौत की सजा चाहती हूं।
बुधवार को दिल्ली की एनआईए कोर्ट ने टेरर फंडिंग के मामले में यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही कोर्ट ने उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यासीन मलिक के बचाव में बोलने वालों पर निर्मल ने कहा कि इन लोगों से जिनकी दुकानें चल रही थीं, वे तो बौखला ही जाएंगे। आगे कहा कि यह उसके (यासीन मलिक) द्वारा किए गए आतंकी हमलों के पीड़ितों के लिए न्याय है। कुछ लोग संतुष्ट हो सकते हैं लेकिन मैं संतुष्ट नहीं हूं क्योंकि मैं अपने मामले में उसके लिए मौत की सजा चाहती हूं।
निर्मल खन्ना ने कहा कि जजों ने मलिक को जो भी सजा दी है, मैं उसका सम्मान करती हूं। वे बेहतर जानते हैं कि ऐसे मामले में क्या सजा दी जानी चाहिए... मुझे 100% यकीन है कि मुझे न्याय मिलेगा।
1990 में यासीन मलिक ने अन्य आतंकवादियों के साथ मिलकर वायु सेना अधिकारियों पर अंधाधुन्ध गोलीबारी की थी, जिसमें चार अधिकारियों की मौत हो गई थी और 40 अन्य घायल हो गए थे। मरने वालों में स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना भी थे। रवि खन्ना के शरीर पर 26 गोलियों के निशान मिले थे।