मई महीने में अचानक आंधी-तूफान-बारिश से खासकर उत्तर भारत परेशान है। ये मौसम के स्वभाव के विपरीत है। मौसम विभाग लगातार इस बारे में चेतावनी दे रहा है।
रविवार को फिर से धूल भरी आंधी और तूफान ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजधानी दिल्ली में जमकर कोहराम मचाया। इस दौरान कम से कम 76 लोगों की मौत हो गई। इससे पहले भी आंधी-तूफान कई लोगों की जान ले चुका है।
क्या है मई में आंधी-बारिश की वजह
इसकी मुख्य वजह वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) है। इसमें पछुआ जेट हवाएं पश्चिम से पूर्व की ओर (ईरान, इराक, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत) तेजी से चलती हैं। इसकी वजह से दबाव बनता है और बारिश होती है। ये ऐसा फेनोमेनन है, जो मानसून से पहले या बाद में हो सकता है।
हिमालय के उत्तर में मध्य एशिया से लेकर चीन, तिब्बत तक 6 से 12 किमी की ऊंचाई पर पश्चिम से पूर्व हवाएं चलती हैं। वायुमण्डल के ऊपर क्षोभमण्डल होता है यानी ये हवाएं क्षोभमण्डल की निचली सीमा पर चलती हैं। इन्हें पछुआ जेट धारा कहते हैं।
ये हवाएं कभी-कभी दो भागों में बंट जाती है। एक धारा चीन तिब्बत की ओर निकल जाती है, दूसरी भारत के मैदानी इलाकों की तरफ बढ़ जाती है। यही उत्तर भारत के मौसम पर प्रभाव पर डालती है। इसकी वजह से पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी भी हो सकती है। पछुआ जेट के साथ ही पश्चिमी विक्षोभ आता है।
क्या है पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बेंस
ये एक शीतोष्ण चक्रवात है। यूरोप में भूमध्य सागर के ऊपर शीतोष्ण चक्रवात का जन्म होता है। ये जेट धारा पर सवार होकर पश्चिम से पूर्व की तरफ बढ़ता है।
भूमध्य सागर से पूर्व की तरफ बढ़ते हुए काला सागर, कैस्पियन सागर बीच में पड़ते हैं। इनके ऊपर से प्रवाहित होने की वजह से चक्रवात में नमी की अच्छी-खासी मात्रा आ जाती है।
जब ये भारत में प्रवेश करता है, तब इसे हम पश्चिमी विक्षोभ कहते हैं। इसकी वजह से जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी हो सकती है। साथ ही मैदानी इलाकों में (पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, यूपी) तेज हवाओं के साथ बारिश होती है।