लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद रहने से छात्रों को पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है, इसलिए मौजूदा वर्ष में उनका पाठ्यक्रम कम किया जाएगा। सीबीएसई बोर्ड के चेयरमैन मनोज आहूजा ने बताया कि अभी पाठ्यक्रम पर काम चल रहा है और महामारी के कारण पढ़ाई में हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि घटा हुआ सिलेबस एक महीने में तैयार हो जाएगा।
अशोका यूनिवर्सिटी के एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि हम शिक्षा प्रणाली में अचानक बदलाव नहीं कर सकते। इससे भ्रम और अनिश्चितता पनपेगी। अभी पाठ्यक्रम पर विचार की प्रक्रिया चल रही है, हम महत्वपूर्ण तत्वों को पाठ्यक्रम में रखना चाहते हैं। अगर कहीं दोहराव होता है या एक ही कंसेप्ट पर अतिरिक्त समय लगाने की जरूरत पड़ती है तो हम उसे हटा सकते हैं। हम यह भी देख रहे हैं कि ज्यादा व्यावहारिक तरीके से कौन से काम किए जा सकते हैं।
मानव संसाधन मंत्री ने भी की थी पाठ्यक्रम घटाने की बात
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अप्रैल में कहा था कि सीबीएसई हर क्लास के लिए अगले शिक्षण सत्र में पाठ्यक्रम कम करेगा, ताकि लॉकडाउन के कारण जो समय का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जा सके। उन्होंने यह भी कहा था कि पाठ्यक्रम को समय के नुकसान के अनुपात में ही घटाया जाएगा। गौरतलब है कि पूरे देश में 16 मार्च से स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद हैं।
क्लासरूम शिक्षा पहले जैसी नहीं रह जाएगीः स्कूल शिक्षा सचिव
इससे पहले शुक्रवार को मानव संसाधन मंत्रालय में स्कूल शिक्षा सचिव अनिता कारवाल ने कहा था कि स्कूल जब भी खुलें, क्लासरूम की शिक्षा अब तक जैसी रही है उसमें काफी बदलाव देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते पूरे देश में 24 करोड़ बच्चे प्रभावित हुए हैं। इसलिए स्कूल खुलने के बाद विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों को काफी एडजस्टमेंट करना पड़ेगा। स्कूलों में सोशल डिस्पेंसिंग का पालन करना होगा और बहुत सारी अन्य सावधानियां बरतनी पड़ेंगी। करवाल भी अशोका यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में बोल रही थीं। मार्च में जब लॉकडाउन की घोषणा हुई थी तब वह सीबीएसई बोर्ड की चेयरपर्सन थीं।