आरोग्य सेतु ऐप पर नीति आयोग को बड़ा झटका लगा है। शुक्रवार को आयोग ने दिल्ली हाई कोर्ट मेंं बताया कि ऐप से ई फार्मेसी कंपनियों को डिलिंक करने का फैसला लिया गया है। इससे पहले आरएसएस से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने आयोग के इस फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए ई-फार्मेसी कंपनियों को प्रमोट करने का आरोप लगाया था। मंच के संयोजक अश्विनी महाजन ने इस फैसले का स्वागत किया है तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत का आभार जताते हुए कहा कि इस फैसले से करीब साढे़ आठ लाख छोटे दवा दुकानदारों को फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में ऐप से ई-फार्मेसी कंपनियों को हटाने की बात मानकर सही फैसला लिया है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि ई-फार्मेसी अवैध है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को टैग करते हुए ट्वीट किया था कि आरोग्य सेतु ऐप पर ई-फार्मा कंपनियों को प्रमोट किया जा रहा है। ये कंपनियां काफी डिस्काउंट देती हैं और दवा दुकानों के लिए खतरा बन गई हैं।
नीति आयोग ने किया था ट्वीट
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने 3 मई को ट्वीट किया था कि आरोग्य सेतु पर लोगों को ऑनलाइन मेडिकल कंसल्टेशन (कॉल एवं वीडियो), होम लैब टेस्ट और फार्मेसी की सुविधा मिलेगी। इसके जवाब में अश्वनी महाजन ने ट्वीट किया था, “माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी देखिए, नीति आयोग के सीईओ आरोग्य सेतु ऐप पर ई-फार्मेसी को बढ़ावा दे रहे हैं जो भारत में गैर-कानूनी तरीके से चल रहा है। यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि चाइनीज वायरस से लड़ने के लिए तैयार किया गया ऐप विदेशी फंड से चलने वाली ई-फार्मेसी की मदद कर रहा है।” महाजन ने अपने ट्वीट के साथ 12 दिसंबर 2018 के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश की प्रति भी लगाई थी, जिसमें बिना लाइसेंस के ऑनलाइन दवा बेचने पर रोक लगाई गई है।