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पवित्र ग्रंथ को जलाने की अफवाहों के बीच नागपुर में प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस की झड़प; गाड़ियों को फूंका, चार घायल

17 मार्च की शाम को मध्य नागपुर में तनाव फैल गया, जब पुलिस पर पथराव किया गया। यह अफवाह फैली कि मुस्लिम...
पवित्र ग्रंथ को जलाने की अफवाहों के बीच नागपुर में प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस की झड़प; गाड़ियों को फूंका, चार घायल

17 मार्च की शाम को मध्य नागपुर में तनाव फैल गया, जब पुलिस पर पथराव किया गया। यह अफवाह फैली कि मुस्लिम समुदाय की पवित्र पुस्तक कुरान को औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान जला दिया गया। इस घटना में चार लोग घायल हो गए।

पुलिस ने चिटनिस पार्क और महल इलाकों में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। अधिकारियों के अनुसार, हिंसा कथित तौर पर दोपहर बाद कोतवाली और गणेशपेठ तक फैल गई। शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि चिटनिस पार्क से शुक्रवारी तालाब रोड क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, जहां दंगाइयों ने कई चार पहिया वाहनों में आग लगा दी और आवासीय घरों पर पत्थर फेंके।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस हज़ारों की संख्या में मौजूद भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश कर रही है। यह उपद्रव दोपहर बाद शुरू हुआ, जब बजरंग दल के सदस्यों ने महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। पुलिस के अनुसार, अफवाह फैली कि आंदोलन के दौरान कुरान जलाई गई। बजरंग दल के प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुए, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में आक्रोश फैल गया।

शाम को गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में पवित्र ग्रंथ जलाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने बताया कि शिकायत के बाद, बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग महल, कोतवाली, गणेशपेठ और चितानवीस पार्क समेत शहर के विभिन्न इलाकों में इकट्ठा होने लगे।

संकट को भांपते हुए पुलिस ने गश्त बढ़ा दी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया। एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि चिटनिस पार्क और महल इलाकों में पुलिस कर्मियों पर पत्थर फेंके गए, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। एक अधिकारी ने कहा कि अन्य इलाकों में भी हिंसा की खबरें हैं। हालांकि, बजरंग दल के पदाधिकारियों ने आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि उन्होंने अपने प्रदर्शन के तहत केवल औरंगजेब का पुतला जलाया था।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी), दंगा नियंत्रण पुलिस और राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) को तैनात किया गया है। विभिन्न थानों से अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को भी बुलाया गया।

औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए प्रदर्शन

इससे पहले, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने छत्रपति संभाजीनगर में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर नागपुर में प्रदर्शन किया। महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ता एकत्र हुए, नारे लगाए और औरंगजेब का पुतला जलाया।

संवाददाताओं से बात करते हुए विहिप के क्षेत्रीय सचिव (महाराष्ट्र और गोवा) गोविंद शेंडे ने कहा कि संगठन ने छत्रपति संभाजीनगर के खुल्दाबाद में औरंगजेब और उनकी कब्र के खिलाफ अपना आंदोलन शुरू कर दिया है।

महाराष्ट्र के सीएम, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने की शांति की अपील

नागपुर में हिंसा के बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार रात शांति की अपील की और लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने को कहा। उनकी यह अपील ऐसे समय में आई है जब शाम को मध्य नागपुर के कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। अफवाह थी कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान मुस्लिम समुदाय की पवित्र ग्रंथ को जला दिया गया।

मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, "महल इलाके में पथराव और तनावपूर्ण स्थिति के बाद पुलिस स्थिति को संभाल रही है।" केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी नागपुर शहर के कुछ हिस्सों में हिंसा के बीच शांति और सद्भाव की अपील की। केंद्रीय मंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा, "नागपुर का हमेशा से शांति का इतिहास रहा है। मैं अपने सभी भाइयों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। अफवाहों पर विश्वास न करें और सड़कों पर न उतरें।"

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