सीबीआई में चली लंबी उठा-पटक के बाद ऋषि कुमार शुक्ला को नया सीबीआई डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। वह अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव की जगह लेंगे। कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी ने शुक्ला के नाम पर मुहर लगाई। वह दो साल तक इस पद पर रहेंगे।
कौन हैं ऋषि कुमार शुक्ला
1983 बैच के आईपीएस ऑफिसर शुक्ला मध्य प्रदेश के डीजीपी भी रह चुके हैं। अभी वह मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन थे। 10 जनवरी को आलोक वर्मा को डायरेक्टर पद से हटाने के बाद केंद्र सरकार ने एम. नागेश्वर राव को अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त किया था। तभी से सीबीआई डायरेक्टर का पद खाली था। एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति में देरी पर नाखुशी जाहिर की थी।
खड़गे ने उठाए सवाल
हालांकि ऋषि कुमार शुक्ला का नाम सीबीआई चीफ के लिए फाइनल होते ही विवादों में आ गया। कांग्रेस नेता और चयन समिति के सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सिर्फ वरिष्ठता के आधार पर सीबीआई चीफ का चयन नहीं होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का भी हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि कैंडिडेट की ईमानदारी और अनुभव का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। खड़गे ने कहा कि सरकार द्वारा चुने गए नाम के करियर प्रोफाइल में करप्शन के खिलाफ जांच का जीरो अनुभव है।
सीबीआई का घमासान
इससे पहले, पिछले साल नवंबर में सीबीआई का अंदरूनी घमासान तब सतह पर आ गया जब तत्कालीन डायरेक्टर आलोक वर्मा और तत्कालीन स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने एक दूसरे के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप लगाए थे।
अस्थाना के खिलाफ तो सीबीआई ने केस भी दर्ज कर लिया, जिसके बाद मामला और गंभीर हो गया। बाद में केंद्र सरकार ने दखल देते हुए वर्मा और अस्थाना दोनों को जबरन छुट्टी पर भेज दिया और एम. नागेश्वर राव को अंतरिम डायरेक्टर नियुक्ति कर दिया। केंद्र ने दोनों अफसरों को छुट्टी पर भेजे जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट को तब बताया था कि सीबीआई के दोनों शीर्ष अफसर 'बिल्लियों की तरह लड़' रहे थे। वर्मा ने खुद को छुट्टी पर भेजे जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर जनवरी में कोर्ट ने उन्हें बतौर सीबीआई डायरेक्टर बहाल करने का आदेश दिया। हालांकि, बाद में पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली हाई पावर्ड कमिटी ने 2-1 के बहुमत से लिए गए फैसले में वर्मा का सीबीआई से बाहर तबादले का आदेश दिया, जिसके बाद वर्मा ने नौकरी से ही इस्तीफा दे दिया था।
ये हैं चुनौतियां
इस तरह, ऋषि कुमार शुक्ला को ऐसे वक्त में सीबीआई की कमान मिली है जब यह प्रमुख जांच एजेंसी लगातार ऐसी वजहों से चर्चा में है, जो उसकी साख के लिए ठीक नहीं हैं। उनके पास अगुस्टावेस्टलैंड स्कैम, कोयला घोटाला, 2जी घोटाला, यूपी का अवैध खनन घोटाला, सारदा व रोजवैली चिटफंड घोटाला और पी. चिदंबरम व भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ जांच जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों से निपटने की चुनौती होगी।