राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) 15 मार्च से शुरू होने वाली अपनी तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा के लिए तैयारी कर रहा है, जहां लगभग 1,570 शीर्ष पदाधिकारी जुटेंगे। इस चर्चा में भाजपा नेता जेपी नड्डा और बीएल संतोष जैसी उल्लेखनीय हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है।
एजेंडे में शामिल विषयों में संदेशखाली और किसान विरोध जैसे मुद्दे हैं, जहां आरएसएस अपने कार्यों का मार्गदर्शन करने के लिए कार्यकर्ताओं से प्रतिक्रिया एकत्र करेगा। इस साल की बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें नए महासचिव का चयन किया जाएगा और संभवत: दत्तात्रेय होसबोले इस भूमिका में बने रहेंगे।
आरएसएस सामाजिक एकजुटता, जातिगत भेदभाव का मुकाबला करने और बच्चों और युवाओं के बीच भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए विभिन्न प्रस्तावों पर काम करेगा। इसके अतिरिक्त, नागरिकों के कर्तव्यों, आत्मनिर्भरता के सिद्धांतों और आरएसएस के चल रहे शताब्दी समारोह पर चर्चा होगी।
आरएसएस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बदलावों पर प्रकाश डाला जाएगा, जिसमें प्रशिक्षण शिविरों का नाम बदलना और आधुनिक जरूरतों के अनुरूप पाठ्यक्रम में संशोधन शामिल हैं। बैठक में पिछली गतिविधियों की भी समीक्षा की जाएगी और संबद्ध संगठनों के इनपुट के साथ सामाजिक समावेशन, जल संरक्षण और जनसंख्या नीतियों जैसी चिंताओं का समाधान किया जाएगा।