पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली छात्रा के बारे में एक अफवाह सामने आई। बताया गया कि एसएस लॉ कॉलेज की छात्रा को रंगदारी के मामले में मंगलवार दोपहर एसआईटी ने हिरासत में ले लिया। छात्रा को जिला जज के यहां अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए ले जाया जा रहा था। बताया गया कि बीच रास्ते में छात्रा को एसआईटी ने गाड़ी से उतारकर अपनी गाड़ी में बिठा लिया जबकि छात्रा के वकील ने हिरासत की खबर को अफवाह बताया है। उन्होंने बताया कि जिला जज के यहां अग्रिम जमान के लिए सुनवाई आज टल गई। अब सुनवाई 26 सितंबर को होगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ठुकराई याचिका
छात्रा सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंची थी। जहां उसने डिवीजनल बेंच में अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने व 164 का बयान दोबारा दर्ज कराए जाने की याचिका दाखिल की थी। लेकिन कोर्ट ने याचिका को ठुकरा दिया था। अदालत ने कहा था कि, यदि पीड़ित छात्रा इस संबंध में कोई राहत चाहती है तो वह उचित पीठ के समक्ष नयी याचिका दायर कर सकती है। इसी सिलसिले में मंगलवार की दोपहर छात्रा सुरक्षा में लगे जवानों के साथ शाहजहांपुर में अदालत जा रही थी।
रंगदारी का आरोप
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बीते 20 सितंबर को आरोपी चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया था। उसी दिन पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप में पीड़िता के दोस्तों विक्रम सिंह, संजय सिंह व सचिन सेंगर को भी एसआईटी ने पकड़कर जेल भेजा था। मंगलवार को एसआईटी ने विक्रम और सचिन को रिमांड पर लिया है। एसआईटी को 95 घंटे की रिमांड मिली है। एसआईटी लापता मोबाइल की बरामदगी करने में जुटी है। रंगदारी के मामले में पीड़िता का नाम भी शामिल।
छात्रा ने वीडियो पोस्ट कर चिन्मयानंद पर आरोप लगाए थे
24 अगस्त को छात्रा ने वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद वह लापता हो गई। मामला चर्चा में आने पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया। पुलिस ने छात्र को राजस्थान से बरामद किया और कोर्ट में पेश किया। इसके बाद एसआइटी जांच के आदेश हुए। इस बीच 10 सितंबर को कुछ वीडियो वायरल हुए। छात्रा ने चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। चिन्मयानंद पर अपहरण का मुकदमा भी 27 अगस्त को दर्ज कराया जा चुका है। जबकि, चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने 22 अगस्त को पांच करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कराया था।