जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा खत्म करने के खिलाफ याचिकाओं की लाइव स्ट्रीमिंग, रिकॉर्डिंग या ट्रांसक्रिप्शन की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। गुरुवार को चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने कहा कि तय समय पर इस पर सुनवाई होगी।
आरएसएस के पूर्व विचारक के एन गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और पांच जजों की संविधान पीठ में याचिकाओं की सुनवाई की लाईव स्ट्रीमिंग की मांग की है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को नोटिस जारी कर पूछा था कि सुप्रीम कोर्ट में कितने समय में लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था हो सकती है।
2018 के फैसले का दिया हवाला
याचिकाकर्ता ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में दिए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट में कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की मंजूरी दी थी। अनुच्छेद 370 से संबंधित मामले बहुत अहम हैं। भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया द्वारा व्यापक रूप से कवर किए गए हैं। कोर्ट की आधिकारिक तौर पर जारी की जा रही सटीक जानकारी के अभाव में कार्यवाही गलत होने की आशंका हो सकती है।
वास्तविक तर्क खो जाते हैं
21 वीं सदी के डिजिटल इंडिया में, यह अकल्पनीय है कि सुप्रीम कोर्ट अपनी कार्यवाही की रिकॉर्डिंग नहीं कर रहा है। कोर्ट के आदेश और निर्णय केवल दलीलों को दर्शाते हैं, लेकिन वास्तविक तर्क हमेशा के लिए खो जाते हैं। इसलिए कार्यवाही को संरक्षित करने की जरूरत है।
केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर में विशेष दर्जा खत्म करने की घोषणा की थी और दो केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में विभाजित कर दिया था।