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रोहिंग्या को देश से निकालने वाली याचिका पर चार हफ्ते बाद सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

रोहिंग्याओं सहित सभी अवैध अप्रवासियों को वापस भेजने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार...
रोहिंग्या को देश से निकालने वाली याचिका पर चार हफ्ते बाद सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

रोहिंग्याओं सहित सभी अवैध अप्रवासियों को वापस भेजने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वो इस मामले पर 4 हफ्ते बाद सुनवाई करेगा। दरअसल, अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को भारत से निकालने के लिए एक याचिका दायर की गई थी।

याचिकाकर्ता अश्वनी उपाध्याय ने कोर्ट से याचिका पर जल्द सुनवाई करने की अपील की है, लेकिन कोर्ट ने साफ इनकार कर दिया। याचिका में सभी गैरकानूनी प्रवासियों और घुसपैठियों, बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की पहचान करने, उन्हें रोकने और निर्वासित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को कोर्ट द्वारा निर्देश देने की मांग की गई थी।

मामले पर सुनवाई के लिए तैयार सुप्रीम कोर्ट

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपाठ ने भारतीय जनता पार्टी के नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका की सुनवाई पर सहमति जताई है। न्यायालय ने कहा कि वह इस मामले पर चार हफ्ते में सुनावई करेगा। उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी प्रवासी नागरिक भारतीयों की रोजी-रोटी छीन रहे हैं। इस न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि इस जनहित याचिका को चार हफ्ते के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए’’। इस पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं।

अवैध बांग्लादेशियों की पहचान कोशिश की जा रही है

बता दें कि देश में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है जिससे इस बात का पता चल सके कि वैध की आड़ में कहीं अवैध विदेशी अपना ठिकाना तो नहीं बना रहे हैं। देश के कई राज्यों में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ अभियान भी चलाया गया था। दरअसल, बांग्लादेश की अथॉरिटी उन्हें अपना नागरिक मानने से मना कर देती है। इसके साथ ही देश के कई राज्यों में रह रहे अवैध बांग्लादेशी खुद को पश्चिम बंगाल का निवासी बताते हैं।

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