सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को संवैधानिक पीठ द्वारा मामले के निपटारे तक सरकारी नौकरी में एससी-एसटी को प्रमोशन में आरक्षण को मंजूरी दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ इस मसले पर सुनवाई कर रही है कि सरकारी नौकरी में एसटी-एसटी को प्रमोशन में आरक्षण दिया जाए या नहीं। कोर्ट ने कहा है कि कानून के तहत पीठ के द्वारा मामले के निपटारे तक सरकार प्रमोशन में आरक्षण जारी रख सकती है।
कई राज्य सरकारों ने हाईकोर्ट के प्रमोशन में आरक्षण रद्द करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उनकी दलील थी कि जब राष्ट्रपति ने नोटिफिकेशन के जरिए एसटी-एसटी के पिछड़ेपन को निर्धारित किया है तो इसके बाद पिछड़ेपन को आगे निर्धारित नहीं किया जा सकता।
राज्यों व एससी-एसटी एसोसिएशनों का कहना था कि क्रीमी लेयर को बाहर रखने का नियम एससी-एसटी पर लागू नहीं होता और सरकारी नौकरी में प्रमोशन दिया जाना चाहिए क्योंकि ये संवैधानिक जरूरत है।
वहीं हाईकोर्ट के आदेशों का समर्थन करने वालों की दलील थी कि सुप्रीम कोर्ट के नागराज फैसले के मुताबिक इसके लिए ये साबित करना होगा कि सेवा में एसटी-एसटी का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है और इसके लिए डेटा देना होगा।
अब पांच जजों की पीठ पहले यह तय करेगी कि एम नागराज के फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है या नहीं क्योंकि 2006 में नागराज फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिना मात्रात्मक डेटा के एसटी-एसटी को प्रमोशन में आरक्षण नहीं दिया जा सकता।