केरल में लगातार हो रही बारिश की वजह से अब तक 167 जानें जा चुकी हैं। राज्य के 14 ज़िलों में हाई एलर्ट जारी कर दिया गया है। इस बीच बाढ़ को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के पैनल को मुल्लापेरियार बांध के पानी के स्तर को 142 फीट से 139 फीट पर करने पर विचार करने को कहा है ताकि उस इलाके में रहने वाले लोग भय के साए में ना रहें। साथ ही आपदा प्रबंधन और पुनर्वास के संबंध में उठाए गए कदमों पर केरल से रिपोर्ट तलब की है।
इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने केरल और तमिलनाडु को सौहार्दपूर्ण तरीके से काम करने को कहा था। शुक्रवार को कोर्ट ने केंद्र सरकार के पैनल को मुल्लापेरियार बांध के पानी का स्तर कम करने पर विचार करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी को बैठक करने तथा डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान बनाने के निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि राहत का काम कैसे हो, ये कोर्ट तय नहीं कर सकता है। हम कोई विशेषज्ञ नहीं हैं इसलिए ऐसी आपदा के दौरान हमें कोई विचार नहीं देने चाहिए।
पीएम लेंगे जायजा
पूरे राज्य में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। गुरुवार को 54 लोगों की जानें चली गईं। साल 1924 के बाद से यह सबसे खतरनाक बाढ़ है। बाढ़ में फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए नेवी ने कुछ जगहों पर लोगों को एयरलिफ्ट किया। कोच्चि एयरपोर्ट पानी में डूब चुका है जिसे 26 अगस्त तक के लिए बंद कर दिया गया है। बाढ़ की हालत का जायजा लेने के लिए पीएम मोदी आज केरल जाएंगे।
मृतकों की संख्या बढ़ी
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी दी कि बारिश के चलते हुई घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 167 हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सभी फंसे लोगों को बचाने के लिए 150 से ज्यादा नावों को लगाया गया है। सेना की 16 यूनिट तैनात की गई है।