सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिया है कि जो कांवड़िए तोड़फोड़ की घटनाओं में शामिल हों या जो कानून को अपने हाथों में लें, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट का ध्यान कावड़ियों की वजह से कानून-व्यवस्था के बिगड़े हालात पर दिलाया था। अटार्नी जनरल ने कहा कि हमने विडियो में देखा है कि कांवड़िए सड़क पर वाहनों को पलट रहे हैं, पुलिस ने क्या ऐक्शन लिया है? जस्टिस चंद्रचूड़ ने भी कहा कि इलाहाबाद में कावंड़ियों ने नेशनल हाइवे पर आधा रास्ता ब्लॉक कर दिया।
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि देश में हर हफ्ते पढ़े-लिखे लोग दंगे कर रहे हैं। कभी मुंबई में मराठा आंदोलन तो कभी एससी-एसटी एक्ट को लेकर विरोध प्रदर्शन होते हैं। हिंसक भीड़ से निजी संपत्ति को नुकसान के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने यह बातें कही।
इससे पहले दिल्ली के मोतीनगर में सात अगस्त को कार के टकराने पर कांवड़ खंडित हो गई थी तथा कांवड़ियों को चोट लग गई थी। इस पर उत्तेजित कांवड़ियों ने कार में जमकर तोड़फोड़ की थी तथा कार को पलट दिया था। इस दौरान लोग तमाशबीन बनकर देखते रहे। वे सब कार पर लाठियां बरसाते रहे। इस दौरान सड़क पर ट्रैफिक चलता रहा लेकिन किसी ने कांवड़ियों के पास जाने का साहस तक नहीं किया।
घटनास्थल पर पहुंचे पुलिसकर्मी भी गुंडागर्दी पर उतारू कांवड़ियों को रोकने में नाकाम साबित हुए। पुलिस की उपस्थिति में भी कांवड़ियों की भीड़ कार पर गुस्सा निकालती रही। पुलिस के मुताबिक एक महिला कार ड्राइव कर रही थी, उसके साथ एक पुरुष भी था। हालांकि, उन्हें कोई चोट नहीं आई है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। गुरुवार को इस मामले में पुलिस ने एक कांवड़िए को गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा बुलंदशहर में भी इसी तरह की घटना देखने को मिली थी।