सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में कथित फर्जी मुठभेड़ के मामले में सीबीआई की जांच पर नाराजगी जताई है तथा एनएचआरसी को निर्देश दिए हैं कि एजेंसी के साथ तीन लोगों को नियुक्त करें ताकि काम पूरा किया जा सके।
Supreme Court pulls up CBI expressing dissatisfaction in the investigation in Manipur fake encounter cases. Court also directs NHRC to depute 3 persons to work with the investigating agency to complete the task.
— ANI (@ANI) February 12, 2018
पिछली सुनवाई पर भी कोर्ट ने सीबीआई को मामले दर्ज नहीं करने पर फटकार लगाई थी तथा इस साल 28 फरवरी तक जांच का काम पूरा करने और बाकी एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई की एसआईटी मामले की जांच में गंभीरता नहीं दिखाई है।
मालूम हो कि मणिपुर में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की ओर से पिछले कुछ सालों में की गई कथित फर्जी मुठभेड़ की शिकायतों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मणिपुर पुलिस के एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हीरोजीत सिंह ने चौंकाने वाले खुलासे किए थे। हीरोजीत का कहना था कि साल 2003 से 2009 के बीच कई फर्जी मुठभेड़ में वह खुद भी शामिल रहे और यह मुठभेड़ उनके सीनियर अफसरों के निर्देश पर किए गए। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ऑफ मणिपुर के उग्रवादी संजीत की हत्या के छह साल बाद हीरोजीत सिंह ने पहली बार यह माना कि उन्होंने संजीत पर गोली चलाई थी। 2009 में मणिपुर पुलिस के कमांडोज पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ऑफ मणिपुर के उग्रवादी संजीत मैती की हत्या के आरोप लगे थे। इसको लेकर मणिपुर में कई दिनों तक प्रदर्शन भी हुए थे।