राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा, नीट 2021 का परिणाम अब जल्द ही जारी होने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट ने व्यापक रूप से कदाचार और पेपर लीक के आरोपों के मद्देनजर 12 सितंबर, 2021 को आयोजित नीट-यूजी 2021 की परीक्षा को रद्द करने और नीट-यूजी के लिए नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।
नीट यूजी 2021 को रद्द किए जाने की मांग वाली याचिका पर आज हुई सुनवाई के दौरान मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की खण्डपीठ ने कहा, “फर्जी उम्मीदवारों को सम्मिलित कराने और पेपर लीक कराने के कथित घटनाओं से परीक्षा में बैठने वाले लाखों छात्रों का नुकसान नहीं किया जा सकता है।”
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि लाखों छात्रों की कीमत पर परीक्षा रद्द नहीं की जा सकती। जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बी आर गवई की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहता है कि नीट यूजी परीक्षा को रद्द कर दिया जाए और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को नई परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिए जाएं।
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि इसका आधार यह है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ने तीन प्राथमिकियां दाखिल की हैं और कहा है कि छात्रों के स्थान पर अन्य लोगों ने परीक्षा दी थी। पीठ ने कहा कि आर्टिकल 32 के तहत किस प्रकार की याचिकाएं दाखिल की जाती है?
कोर्ट ने आगे कहा कि लाखों लोगों ने परीक्षाएं दी हैं। जब लोग आपके पास (वकील) आते हैं तब आप उन्हें नहीं बताते ये खारिज कर दी जाएंगी और जुर्माना भी लगेगा? अब आप पूरी परीक्षा रद्द कराना चाहते हैं? आप बहस कीजिए, हम इसे विस्तार से देखेंगे और हम विशेष तौर पर आपको भी देखेंगे।
याचिकाकर्ता के वकील निनाद डोगरा ने कहा कि सीबीआई ने तीन एफआईआर दर्ज की है और परीक्षा पत्र व्हाट्सएप पर लीक हो गया था। शीर्ष न्यायालय याचिकाकर्ता सलोनी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें नीट यूजी परीक्षा रद्द करने का अनुरोध किया गया था।
बता दें कि परीक्षा में सम्मिलित हुए उम्मीदवारों की इस याचिका में कहा गया था कि यदि कुछ छात्रों को गैर-कानूनी रूप से लाभ मिले तो यह अन्य के साथ अन्याय होगा। याचिका में परीक्षा के दिन 12 सितंबर को राजस्थान पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किये जाने के साथ-साथ सीबीआई द्वारा नागपुर स्थित एक कंसल्टेंसी नीट यूजी 2021 परीक्षा के लिए उम्मीदवारों के स्थान पर फर्जी कैंडीडेट बिठाने की जांच का हवाला दिया गया था। सीबीआई के अनुसार, कंसल्टेंसी प्रति उम्मीदवार 50 लाख रुपये तक चार्ज कर रही थी। साथ ही, कहा गया था कि वाराणसी पुलिस ने भी नीट एग्जाम सॉल्वर गिरोह को भी हाल ही में पकड़ा है, जो कैंडीडेट के स्थान पर परीक्षा देकर परीक्षा पास करने में मदद करते हैं।