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सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की निर्भया कांड के तीन दोषियों की याचिका, मौत की सजा बरकरार

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले चार में से तीन दोषियों की मौत की सजा को...
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की निर्भया कांड के तीन दोषियों की याचिका, मौत की सजा बरकरार

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले चार में से तीन दोषियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की समीक्षा याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें पहले दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की तीन सदस्यीय बेंच ने दोषी मुकेश, पवन गुप्ता और विनय कुमार की याचिकायें खारिज करते हुए कहा कि पांच मई, 2017 के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कोई आधार नहीं है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि जिन दोषियों को मौत की सजा सुनाई गयी है वे उसके निर्णय में साफ तौर पर कोई भी त्रुटि सामने रखने में विफल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई के दौरान तीनों दोषियों का पक्ष विस्तार से सुना गया था और अब मौत की सजा बरकरार रखने के शीर्ष अदालत के निर्णय पर पुनर्विचार के लिए कोई मामला नहीं बनता है। 

निर्भया केस में दोषी ठहराए गए मुकेश (29), पवन गुप्ता (22) और विनय शर्मा (23) ने समीक्षा याचिका दायर कर अपनी सजा करने की अपील की थी। मामले में मौत की सजा पाए चौथे आरोपी अक्षय कुमार सिंह (31) ने सुप्रीम कोर्ट के 5 मई 2017 के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर नहीं की थी। इस केस के एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी। एक अन्य आरोपी नाबालिग था। वह तीन साल सुधार गृह में रहने के बाद बाहर आ चुका है।

दिल्ली हाइकोर्ट ने 13 मार्च , 2014 को दोषियों को मृत्यु दंड देने के निचली अदालत के फैसले की पुष्टि कर दी थी। इसके बाद , दोषियों ने शीर्ष अदालत में अपील दायर की थीं जिन पर सुप्रीम कोर्ट ने पांच मई, 2017 को फैसला सुनाया था। 

शीर्ष न्यायालय ने पहले भी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से मौत की सजा को बरकरार रखा था। मालूम हो कि दिल्ली की 23 साल की पैरामेडिकल की छात्रा  के साथ 16 दिसंबर 2012 को गैंगरेप किया गया था। इस छात्रा और उसके मित्र को आरोपियों ने पहले बस में सवारी के रूप में बैठाया था। इसके बाद उसके साथ गैंगरेप किया और बुरी तरह से पिटाई करने के बाद सड़क पर फेंक दिया। इलाज के दौरान उसकी 23 दिसंबर को सिंगापुर में मौत हो गई थी। इस घटना के बाद देश भर में काफी विरोध प्रदर्शन हुए थे।

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